45 मिनट तक अंधेरे में चीखते-भटकते रहे, हावड़ा-मुंबई मेल हादसे के वक्त सो रहे थे यात्री
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झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल के बड़ाबाम्बो रेलवे स्टेशन के पास हावड़ा-मुम्बई मेल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद ट्रेन में चीख-पुकार मच गई। जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त ज्यातर यात्री सोए हुए थे। तेज रफ्तार ट्रेन के अचानक पलट जाने से अधिकतर यात्री बर्थ से गिर पड़े और चीख पुकार मच गई। नींद इस तरह अचानक टूटने से किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। दुर्घटना में दो यात्रियों की मौत हो गई जबकि दो दर्जन से अधिक जख्मी हो गए।
हादसे के बाद लोग एसी बोगी का कोच तोड़कर बाहर निकलने लगे, जबकि ज्यादातर यात्री धीरे-धीरे ट्रेन के दरवाजा से बाहर निकले। यात्रियों ने बताया कि हादसा का कारण उन्हें पता नहीं चल पाया। अंधरा होने के कारण उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। बोगियों से निकलने के बाद ज्यादातर यात्री घटना स्थल के आसपास जमा होने लगे। घटना के करीबन 45 मिनट बाद रेल प्रशासन, पुलिस प्रशासन तथा सीआरपीएफ के जवान पहुंचे और मदद पहुंचाना शुरू किया।
जिला प्रशासन ने घटनास्थल पर चक्रधरपुर से सात बसों और कई एंबुलेंस को भेजा गया। एंबुलेंस, बस, सीआरपीएफ के ट्रक में यात्रियों को बैठाकर चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन लाया गया। सुबह 7 बजे से यात्रियों का चक्रधरपुर पहुंचना शुरू हुआ और करीबन 10 बजे तक यात्री बस, एम्बुलेंस में आते रहे।
बस से यात्रियों को भेजा गया टाटानगर
चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन में एर्नाकुलम-टाटा एक्सप्रेस के पहुंचने के बाद तीन बस में यात्रियों को चक्रधरपुर से टाटानगर रेलवे स्टेशन भेजा गया। सिंहभूम बस ऑनर एसोसिएशन ने चक्रधरपुर स्टेशन पहुंच बस का इंतजाम किया। 6 बस को घटना स्थल बड़ाबम्बो के लिए भेजा। जिसमें कई रेल कर्मचारी के साथ-साथ सीआरपीएफ एवं प्रशासन के लोग शामिल थे। उसके बाद तीन बड़ों से यात्रियों को टाटानगर भेजवाया। सेक्रेट हार्ट इंग्लिश स्कूल की बस ने भी बड़ाबम्बो से यात्रियों को बैठाकर चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचाया। जबकि छोटा हाथी सवारी गाड़ी से कुछ यात्रियों को चाईबासा रेलवे स्टेशन भेजा गया।