दिल्ली शराब नीति केस में केजरीवाल को जमानत, सुप्रीम कोर्ट बोला- पिंजरे के तोते वाली छवि से बाहर आए CBI
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देते वक्त जस्टिस उज्जल भुइयां ने CBI की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। जस्टिस भुइयां ने कहा कि सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए।
जस्टिस भुइयां ने कहा कि CBI को उसके बारे में बने इस तरह के भ्रम को दूर करना चाहिए कि वह पिंजरे का तोता है। बार एंड बेंच के मुताबिक जस्टिस भुइयां ने कहा कि सीबीआई के द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी का मकसद सिर्फ ईडी के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को मिली जमानत को बेअसर करना था।
जस्टिस भुइयां ने ईडी के मामले में दी गई जमानत की शर्तों पर भी सवाल उठाए जिसमें केजरीवाल को मुख्यमंत्री सचिवालय जाने या फाइलों पर साइन करने से रोका गया है। उन्होंने सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि उसका मकसद ईडी मामले में केजरीवाल को मिली जमानत को फेल साबित करना था।
उन्होंने कहा कि जिस तरह ने सीबीआई का इस मामले में स्टैंड रहा है, वो गिरफ्तारी पर ही अनेक गंभीर सवाल खड़े करती है। अरविंद केजरीवाल को ज़मानत देते हुए जस्टिस उज्जल भुइयां ने CBI की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए. जस्टिस भुइयां ने कहा कि ऐसा लगता है कि ED मामले में निचली अदालत से मिली ज़मानत के बाद ही CBI सक्रिय हुई। उसे 22 महीने तक गिरफ़्तारी की ज़रूरत महसूस नहीं हुई। ऐसी गिरफ्तारी पर सवाल उठते हैं।
बता दें, दिल्ली शराब घोटाले मामले में सीबीआई केस में 26 जून 2024 को अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हुए थे। वहीं, ईडी केस में 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार हुए थे। ईडी केस में 12 जुलाई तो सीबीआई केस में आज यानी 13 सितंबर को जमानत मिली है।
अरविंद केजरीवाल को मिली यह जमानत हरियाणा चुनाव के लिहाज से भी अहम है। अब हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी पूरी दमखम से लड़ सकेगी। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में 90 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस संग उसका गठबंधन नहीं हो पाया है।