मुख्यमंत्री सोरेन ने जिसे IAS समझकर किया सम्मानित,साथ में खाना भी खाया, वो निकला फर्जी
झारखंड की राजधानी रांची से एक बड़ा ही अनोखा मामला सामने आया है. दरअसल इन दिनों पूरे झारखंड में सौरभ पांडे की खूब चर्चा हो हो रही जो फर्जी आईएएस बनाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने तक जा पहुंचा. यहीं नहीं सौरभ पांडे ने उतरप्रदेश के कुमार सौरभ को यूपीएससी में मिली 357वीं रैंक को अपनी रैंक बताकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों सम्मान भी प्राप्त किया और सीएम के साथ खाना भी खाया.
वहीं शुक्रवार को पलामू के उपायुक्त आंजनेयुल दोड्ढे के निर्देश पर पांडु बीडीओ राहुल उरांव ने पांडु सौरभ पांडेय के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराया है. उधर, रांची के धुर्वा थाने में भी राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के एमआईएस पदाधिकारी कुमार चंदन ने एफआईआर किया है. बता दें, पलामू के पांडू प्रखंड का रहने वाले सौरभ पांडेय भी यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. गत 30 मई को रिजल्ट आया तो उसने खुद के सफल होने की खबर फैला दी. उसने यूपीएससी मुख्यालय के पास सूट टाई वाली अपनी फोटो भी कई जगहों पर शेयर कर दी थी.
जानें कैसे हुआ मामले का खुलासा
बता दें, इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब कुमार सौरभ ने फर्जी आईएएस की पोल खोली. दरअसल 357वीं रैंक लाने वाले यूपी के कुमार सौरभ को जब इस संबंध में जानकारी हुई तो उन्होंने सौरभ पांडे को एक्सपोज किया. कुमार सौरभ को दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करने वाले स्टूडेंट के एक वॉट्सएप ग्रुप से जानकारी हुई. इसमें पता चला कि कोई उनके नाम से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ फोटो खिंचवा चुका है, इसके बाद कुमार सौरभ ने पलामू के सौरभ की असलियत को एक्सपोज किया.
झारखंड के राजकीय समारोह में मिला सम्मान
दरअसल कुमार सौरभ उर्फ सौरभ पांडेय नाम के इस युवक ने यूपी के एक सफल अभ्यर्थी के हमनाम होने का फायदा उठाया और दो महीने तक सोसायटी से लेकर सरकार तक भ्रमजाल फैलाता रहा. यूपीएससी 2021 की परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की सूची में 357वां रैंक यूपी के कुमार सौरभ ने हासिल किया है. उन्हें कहीं से जानकारी मिली कि उनके नाम पर एक युवक झारखंड में राजकीय समारोह में सम्मानित हुआ है. तब इस मामले का सच सामने आया.