समस्तीपुर/रोसड़ा :- एक जवान को अपने साहब के कुत्ते को खाना ना खिलाना और उनके निजी काम नहीं करने पर उसे ऐसी सजा मिली जिसे देख ऐसा लग रहा है कि किसी फिल्म का सीन हो जिसमें अत्याचार किया जा रहा है और इसका विरोध करने पर उसे किसी झूठे इल्जाम में फंसा दिया गया. जवान के परिजनों ने एसपी से मिलकर पूरे मामले की जांच कर न्याय की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि उनके बेटे को फसाया गया है क्योंकि उसने उनके निजी काम को करने से मना कर दिया था.
मामला समस्तीपुर के रोसड़ा उप कारा का है. जहां अतीश कुमार रोसड़ा उपकरण कक्षपाल के पद पर तैनात है. जिसकी ड्यूटी टावर संख्या एक पर लगी थी. रोसड़ा कारा अधीक्षक गौरव कृष्ण के द्वारा अपने निजी काम के लिए उन पर दबाव बनाया जाता था. जवान पर कारा अधीक्षक अपने कुत्ते को खिलाने, पत्नी के कपड़े साफ करने और अपने घर के अन्य निजी कामों के लिए दवाब बनाते थे.
जिसका विरोध करने पर कारा अधीक्षक के द्वारा किसी ना किसी आरोप में उससे स्पष्टीकरण की मांग करते थे. जब जवान ने अपने स्पष्टीकरण में कारा अधीक्षक के द्वारा निजी कार्य को लेकर दबाव बनाने की बात कही तो कारा अधीक्षक के द्वारा साजिश के तहत उसके मोजे में दो मोबाइल फोन बिना उसकी जानकारी के रख कर सहायक जेल अधीक्षक के बयान पर रोसड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए जेल भेज दिया.
इतना ही नहीं कारा अधीक्षक के द्वारा जवान की बेरहमी से पिटाई की गई. वहीं, जवान खुद को निर्दोष बता रहा है उसका कहना है कि एक खास जाति विशेष को लेकर कारा अधीक्षक के द्वारा आए दिन उसे प्रताड़ित किया किया जा रहा था. इस मामले पर एसपी हृदय कांत का कहना है कि मामले की जांच को लेकर एसडीओ और एसडीपीओ को संयुक्त रुप से जांच करने का निर्देश दिया गया है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी.
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