समस्तीपुर मेयर पद अनुसूचित जाति महिला के लिए तय, दो से ज्यादा हैं बच्चे तो नहीं लड़ पाएंगे इलेक्शन
राज्य निर्वाचन आयोग ने बिहार निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। मेयर और डेप्युटी मेयर पद के लिए सभी नगर निकायों का आरक्षण तय कर दिया गया है। समस्तीपुर में मेयर पद अनुसूचित जाति महिला के लिए तय हुआ हैं। वहीं समस्तीपुर में डेप्युटी मेयर पद अनुसूचित जाति अन्य के लिए तय हुआ है। राज्य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार देर शाम नोटिफिकेशन जारी किया है। कुल 19 नगरपालिकाओं में से 9 में महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने अगले महीने प्रस्तावित नगरपालिका चुनाव में प्रत्याशियों की चुनावी खर्च की सीमा भी निर्धारित कर दी है। आयोग के अनुसार, नगर पंचायत में वार्ड पार्षद अधिकतम 20 हजार रुपये तो नगर निगम क्षेत्र में अधिकतम 80 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। इसी तरह नगर परिषद के वार्ड पार्षद उम्मीदवार 40 हजार रुपये तक अधिकतम खर्च कर सकेंगे।
20 हजार की आबादी वाले वार्ड में खर्च कर सकेंगे 80 हजार रुपये
नगर निगम के वार्ड पार्षद पद के लिए आबादी के अनुसार खर्च की सीमा तय की गई है। नगर निगम क्षेत्र में चार से दस हजार आबादी वाले वार्ड में अधिकतम 60 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति होगी, जबकि दस से बीस हजार की आबादी वाले वार्ड में 80 हजार रुपये तक चुनाव में खर्च किए जा सकेंगे।
दो से अधिक संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते
वहीं बिहार में नगर निकाय आम चुनाव 2022 में दो बच्चों के माता-पिता ही उम्मीदवार हो सकते हैं। दो से अधिक संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। नियम में ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी व्यक्ति के दो से अधिक संतान हैं और वे इनमें से किसी को गोद दे देते हैं, तो ऐसी स्थिति में भी उस बच्चे के जैविक पिता वही कहलाएंगे। जिस व्यक्ति ने गोद लिया है, वे उसके पिता नहीं माने जाएंगे।