समस्तीपुर के DM ने बैंकों से मांगा ग्राहकों की समस्याओं व समाधान का डाटा
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समस्तीपुर :- डीएलसीसी की जिला स्तरीय समन्वयक समिति (बैंकिंग) की समीक्षात्मक बैठक कलेक्ट्रेट में सोमवार को डीएम योगेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हृुई। इसमें डीएम ने बैकों में ग्राहकों की समस्याओं व उसके समाधान को लेकर उठाये गये कदम का पूरा डाटा बैंक प्रबंधक को सौंपने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या केसीसी, ऋण राशि या अन्य प्रकार की लेकर की समस्याओं का डेटाबेस सुरक्षित रखना है। यही नहीं किन बैंकों में कितने दिनों में समस्या का निराकरण किया गया इसकी बैंक वाइज सूची जिला बैंकिंग प्रभारी पदाधिकारी दें।
उन्होंने बैंकों को एक कैलेंडर बना उसके अनुसार स्पेशल कैंप लगाने का आदेश दिया। इसमें कृषि, पशुपालन, उद्योग, गव्य विकास व जीविका के पदाधिकारी भी रहेंगे। जिला स्तरीय संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि यह कैंप समय-समय पर बैंकों के साथ समन्वय कर लगाते रहेंगे। कितने कैंप, किन बैंकों के द्वारा लगवाया गया एवं कितने को ऋण का लाभ, ऋण सैंक्शन एवं ऋण पूर्ण रूप से आवेदन स्वीकृत किया गया। इसका क्लियर डाटा प्रस्तुत करना है। किसान क्रेडिट कार्ड सृजित करने के लिए आवेदनों का बैंक वार प्रतिवेदन की समीक्षा की गई।
इस दौरान डीएम ने बताया कि जिले में बहुत सारे पंचायत भवन, पंचायत सरकार भवन बनाए गए हैं। इसमें पूर्व से भी निर्मित हैं। साथ ही नया बनाने का लक्ष्य जिले को प्राप्त है। ग्रामीण स्तर पर भी पंचायत सरकार भवनों में अपने बैंकों का एक शाखा खुलवाने का आह्वान किया। इसमें जिले से आवश्यक सहयोग की जाएगी। डीएम ने बैंकों का सीडी रेशियो की समीक्षा की। जिसमें पाया गया कि राज्य का सीडी रेशियो 49.58 फीसदी है जबकि जिला की 51.62 फीसदी है। डीएम ने 30 फीसदी से कम रेशियो वाले बैंकों व ब्रांच को आरबीआई के गाइड लाइन के अनुसार सीडी रेशियो लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया।
वहीं बैंकों के मुख्य शाखा प्रबंधक को 40 फीसदी से कम रेशियों वाले पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। मौके पर जिला बैंकिंग प्रभारी पदाधिकारी, डीडीसी, एलडीएम, डीपीएम नाबार्ड, आरबीआई के प्रतिनिधि, डीएओ, डीएएचओ, डीपीएम जीविका, नगर आयुक्त, गव्य विकास पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र व सभी बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद थे।