ट्रेन की जिन बोगियों में रेस्टोरेंट खोलने का था प्लान उनमें उगे जंगल, असामाजिक तत्वों ने मिथिला पेंटिंग और बोगी का शीशा क्षतिग्रस्त किया
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समस्तीपुर :- रेलवे यात्रियों के साथ समस्तीपुर शहरवासियों का रेल हैरिटेज में बैठकर खाने का सपना अब तक अधर में लटका हुआ है। गत वर्ष समस्तीपुर रेल मंडल प्रशासन रेलवे परिक्षेत्र स्थित ललित उद्यान के पास छोटी लाइन की पुरानी चार बोगियों से रेल हैरिटेज विकसित किया था। जहां रेस्टोरेंट के संचालन की योजना बनी थी। जहां रेलवे यात्री के अलावा शहर के लोग भी आकर रेस्टोरेंट का मजा लेते।
लाखों खर्च के बाद बोगियों को पुरानी एक्सप्रेस ट्रेनों के नाम से सजाया गया, लेकिन इसका उद्घाटन आज तक नहीं हो पाया। नतीजा यह है कि रेल हैरिटेज की बोगियों पर जंगल उग आए हैं। बोगी की मिथिला पेंटिंग खराब हो चुकी है।
यहां तक की चार बोगियों में से एक बोगी जिसे एसी बोगी का लुक दिया गया था। असामाजिक तत्वों द्वारा उसके शीशे को तोड़कर बर्बाद कर दिया गया। प्रतीक के रूप में बनाये गए गार्ड व सिंगनल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। जबकि इसे रेलवे व शहर का अनोखा रेल हैरिटेज बनाने की योजना थी। यहां होटलों की भीड़ से अलग लोगों को अलग हट कर एहसास होता। चुकी आसपास से ट्रेन गुजरने के कारण उन्हें लगता कि वह सफर कर रहे हैं। जबकि वह मात्र बोगी में बैठे रहते।
रेल मंडल से चलने वाली जानकी एक्सप्रेस, मिथिलांचल एक्सप्रेस, गंडक एक्सप्रेस एवं एक बोगी को एसी बोगी का लुक देकर निरीक्षण यान बनाया गया था। उक्त नामों में जानकी का जयनगर से मनीहारी के बीच परिचालन हो रहा है।
इस रेल हैरिटेज के शुरूआत से जहां रेलवे को लाभ मिलता वहीं स्थानीय तथा रेलवे यात्री को अलग हट कर सकुन का जगह उपलब्ध हो जाता। इस स्थान को प्लेटफार्म के साथ ही शहर से जोड़ने की योजना थी।
इसको लेकर समस्तीपुर रेल मंडल के DRM ने बताया कि छोटी लाइन की पुरानी बोगियों को नया लुक दिया गया था। स्टेशन से यात्रियों को उक्त स्थल पर पहुंचने के लिए वैसी अच्छी कनेक्टिविट नहीं बन रही। जिस कारण ट्रेन की बोगी में रेस्टूरेंट नहीं खाला जा सका है। इस बोगी में आगे क्या किया जाएगा इस पर प्लान बनाया जा रहा है।