सुप्रीम कोर्ट ने XXX सीरीज़ पर एकता कपूर को झाड़ा, कहा- ‘नौजवानों का दिमाग गंदा कर रही हैं’, बिहार में जारी हुआ है अरेस्ट वारंट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एकता कपूर (Ekta Kapoor) की वेब सीरीज XXX में आपत्तिजनक सामग्री को लेकर फटकार लगाई है. फिल्म प्रोड्यूसर और टीवी क्वीन एकता कपूर ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसी पर सुनवाई हुई है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए एकता कपूर से कहा कि आप देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं.
एकता ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी की वेब सीरीज XXX में सैनिकों और उनके परिजनों की भावनाओं को आहत करने को लेकर बिहार के बेगूसराय में एक पूर्व सैनिक की शिकायत पर स्थानीय कोर्ट ने वारंट जारी किया था. बेगूसराय कोर्ट (बिहार) के द्वारा जारी वारंट के खिलाफ एकता कपूर ने SC का दरवाजा खटखटाया था.
एकता कपूर ने वारंट को चुनौती देते हुए पटना हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की थी. लेकिन हाई कोर्ट सुनवाई में विलंब कर रहा था इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर की याचिका पर कोई आदेश पास करने के बजाए पेंडिंग रखा है. कोर्ट ने उन्हें सलाह दी कि बेहतर होगा कि हाई कोर्ट में सुनवाई के स्टेटस पता करने के लिए किसी स्थानीय वकील की मदद लें.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने लगाई फटकार
जज अजय रस्तोगी और जज सी टी रविकुमार की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘कुछ तो किया जाना चाहिए. आप इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं. यह सभी के लिए उपलब्ध है. ओटीटी कंटेंट सभी के लिए उपलब्ध है. आप लोगों को किस तरह का विकल्प दे रहे हैं? इसके विपरीत आप युवाओं के दिमाग को प्रदूषित कर रही हैं.”
एकता कपूर की ओर से उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि पटना हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. रोहतगी ने कहा कि सीरीज के कंटेंट की ऑडियंस आधारित है और इस देश में किसी भी चीज को पसंद करने की आजादी है. इसपर अदालत ने पूछा कि लोगों को किस तरह का विकल्प दिया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ”हर बार आप इस अदालत में आ जाते हैं… हम इसकी सराहना नहीं करते. हम इस तरह की याचिका दायर करने के लिए आप पर जुर्माना लगाएंगे. मिस्टर रोहतगी कृपया इसे अपने क्लाइंट को बता दीजिए. सिर्फ इसलिए कि आप अच्छे वकील की सेवा ले सकते हैं…यह अदालत उनके लिए नहीं है, जिनके पास आवाज है. ये कोर्ट उन लोगों के लिए काम करती है जिनके पास आवाज नहीं है. जो लोग सारी सुविधाएं होने के बाद न्याय नहीं पा सकते तो सोचिए कि एक आम आदमी की जिंदगी कैसी होती होगी.”