समस्तीपुर: रेल इंजन बेचे जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई, तत्कालीन RPF ओपी प्रभारी सेवा से बर्खास्त
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समस्तीपुर :- समस्तीपुर रेलवे मंडल का बहुचर्चित रेल इंजन के बेचे जाने के मामले में रेलवे बोर्ड ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में समस्तीपुर डीजल शेड के तत्कालीन ओपी प्रभारी विरेंद्र द्विवेदी को दोषी पाते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया है। दरोगा के बर्खास्त किए जाने की पुष्टि मंडल सुरक्षा आयुक्त एसजेए जानी ने की है। मंडल सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि रेल इंजन का स्क्रैप बेचे जाने के मामले में श्री द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगे थे।
विभागीय जांच के दौरान मामला सत्य पाया गया उसके बाद इस मामले में आरपीएफ ने डीजीपी के आदेश पर उन्हें सेवा से तत्काल बर्खास्त कर दिया गया है। ओपी प्रभारी के बर्खास्तगी के साथ ही रेल इंजन बेचे जाने के मामले में जुड़े उन पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरने की संभावना बढ़ गई है । माना जा रहा है कि इस मामले में कुछ और पुलिसकर्मियों पर बर्खास्तगी की गाज गिर सकती है। इस कांड से जुड़े पुलिस कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है।
यह था आरोप :
ओपी प्रभारी विरेंद्र द्विवेदी पर आरोप लगा था कि समस्तीपुर रेल मंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से जिस रेल इंजन के स्क्रैप को डीजल शेड के सीनियर सेक्शन इंजीनियर आरआर झा और उनके कर्मियों द्वारा फर्जी आर्डर दिखाकर स्क्रैप कारोबारियों को बेच दिया गया था, उस ट्रक की इंट्री गलत तरीके से डीजल शेड के आवक रजिस्टर में कराने के लिए वहां तैनात सिपाही संगीता पर दबाव बनाया गया था। सिपाही संगीता कुमारी ने इस मामले की जानकारी अपने वरीय पुलिस पदाधिकारी को दी थी, जिसके बाद इस मामले में श्री द्विवेदी को दोषी पाते हुए तत्काल निलंबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला :
गत वर्ष 13 दिसंबर को डीजल शेड के सीनियर सेक्शन इंजीनियर आरआर झा अपने हेल्पर सुशील कुमार के साथ चालान लेकर रेलवे मंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर पहुंचते हैं। 14 दिसंबर को वहां स्टेशन के पास रखा पुराना रेल इंजन को गैस कटर से कटाकर विभिन्न वाहनों पर लोड कराते हैं।
इसी दौरान पूर्णिया आउट पोस्ट के प्रभारी एमएम रहमान मौके पर पहुंच कर उन्हें रोकते हैं। तो वह समस्तीपुर डीजल शेड से निगर्त एएमई का मेमो दिखाते हैं। जिस आधार पर आरपीएफ की टीम स्क्रैप को समस्तीपुर के लिए विभिन्न् वाहनों पर रवाना करती है, लेकिन 16 दिसंबर तक ट्रक समस्तीपुर शेड नहीं पहुंचता है।
इस दौरान 17 दिसंबर को डीजल शेड पोस्ट पर तैनात सिपाही से दारोगा आवक रजिस्टर में ट्रक की इंट्री करने को कहते हैं। सिपाही इस मामले की सूचना वरीय अधिकारी को दे दी है। जिसके बाद मामले का खुलासा होता है। ट्रक की खोज की जाती है। पर उसका पता नहीं चलता। आरपीएफ को सौपे गए मेमो की जांच डीजल शेड से कराई जाती है तो एएमई द्वारा इसे फर्जी बताया जाता है। इस मामले में समस्तीपुर के इंस्पेक्टर बीपी वर्मा की रिपोर्ट पर रेलवे मंडल के बनमंकी आरपीएफ पोस्ट पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर आरआर झा, कर्मी सुशील कुमार समेत आठ लोगों पर मामला दर्ज होता है।
सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने काेर्ट में किया था सरेंडर :
इस मामले में मुख्य आरोपी समस्तीपुर डीजल शेड के सीनियर सेक्शन इंजीनियर आधार झा और उनके कर्मी सुनील कुमार पूर्व में कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं। बाद में आरपीएफ की स्पेशल टीम दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी, जिसमें उन्होंने कई पुलिसकर्मियों पर स्क्रैप कारोबार के लिए राशि दिए जाने का आरोप लगाया था।