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ये तो नरसंहार है नीतीश जी, आरजेडी के सुधाकर सिंह ने बिहार में जहरीली शराब से 28 मौत पर उठाया सवाल

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बिहार के सारण जिले (छपरा) में चौबीस घंटे के अंदर 28 लोगों की संदिग्ध मौत हो गई। सभी लोगों की जहरीली शराब पीने से जान जाने की आशंका है। इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों के बाद नीतीश सरकार पर विपक्ष ने जमकर हमला बोला। वहीं पूर्व मंत्री व राजद विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि शराबबंदी बिहार में पूर्णत: विफल है। राज्य में शराबबंदी लागू होने से लेकर अबतक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। मैं इसको नरसंहार की श्रेणी में मानता हूं।

बुधवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सुधाकर सिंह ने कहा है कि शराबबंदी की जल्द समीक्षा जरूरी है। सरकार देखे कि आखिर लोगों को शराब कैसे उपलब्ध हो जा रही है। कौन इसके जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है। अब-तक कई ऐसी घटनाएं हो गई हैं। इन घटनाओं की जांच के लिए न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग का गठन होना चाहिए।

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शराबबंदी विफल और जानलेवा हुई, समीक्षा करे सरकार : सुशील मोदी

भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि विधानसभा में भाजपा सदस्यों के प्रति जिन शब्दों का प्रयोग किया, उसके लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। जहरीली शराब से मौतों पर दुखी होने और शराबबंदी की समीक्षा करने के बजाय मुख्यमंत्री का नाराज होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

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पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा पूर्ण मद्यनिषेध के पक्ष में है। इसकी समीक्षा होनी चाहिए और समीक्षा का मतलब शराबबंदी समाप्त करना नहीं है। हकीकत है कि बिहार सरकार शराबबंदी लागू करने में पूरी तरह विफल हैं, जबकि यह गुजरात में बेहतर तरीके से लागू है। आंकड़ों के हवाले से मोदी ने सवाल किया कि सरकार शराबबंदी लागू करने में अपनी विफलता क्यों नहीं स्वीकार करती है।

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शराबबंदी कानून को लेकर जन सर्वेक्षण कराये सरकार: रालोजपा

रालोजपा ने छपरा में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि राज्य में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर है। जहरीली शराब से मौत़ों की जिम्मेवारी लेने की बजाए मुख्यमंत्री विपक्ष को ही निशाना बना रहे हैं। सरकार शराबबंदी कानून की सफलता और विफलता को लेकर जन सर्वेक्षण कराए तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। आरोप लगाया कि शराबबंदी मॉडल मजाक बनकर रह गया है। सभी शराबबंदी को असफल मानते हैं और शराबंदी कानून को खत्म करने की इच्छा रखते हैं।

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