विभूतिपुर दोहरा हत्याकांड मामला में पूर्व विधायक व उनके भाई समेत 6 पर प्राथमिकी दर्ज, जानें क्यों हुई हत्या!
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समस्तीपुर/विभूतिपुर :- विभूतिपुर में हुए डबल मर्डर मामले में दूसरे दिन मृतक पूर्व मुखिया के भाई रंजीत प्रसाद ने विभूतिपुर के पूर्व जदयू विधायक रामबालक सिंह, उनके भाई लाल बाबू सिंह समेत 6 लोगों के खिलाफ आवेदन दिया। हत्याकांड के बाद से ही विधायक पर आरोप लगना शुरू हो गया था। इस घटना को शुरू से ही पंचायत की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा था। मामला के विभूतिपुर के सिंघिया बुजुर्ग दक्षिण पंचायत के पूर्व मुखिया सुरेंद्र प्रसाद सिंह और उनके सहयोगी सत्यनारायण महतो की हत्या करने का हैं।
दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि सिंघिया बुजुर्ग दक्षिण पंचायत से सुरेंद्र प्रसाद सिंह पूर्व में मुखिया थे। गत पंचायत चुनाव में यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई। जिसके बाद इस सीट पर सुरेंद्र प्रसाद ने अपनी पत्नी ममता देवी को चुनाव मैदान में उतारा। वहीं विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह ने अपनी पत्नी आशारानी को चुनाव मैदान में खड़ा किया। उक्त चुनाव में आशा रानी ने ममता देवी को 61 वोटों के अंतर से हरा दिया। गत वर्ष अक्टूबर माह में कैंसर की लंबी बीमारी के बाद आशा रानी की मौत हो गई। जिसके बाद यह सीट पुनः खाली हो गयी। और इस सीट पर उपचुनाव कुछ दिन में होने वाली है।
प्राथमिकी में आरोप लगाया जा रहा है कि उपचुनाव में सुरेंद्र प्रसाद सिंह अपनी पत्नी ममता देवी को पुनः मैदान में खड़ा करने वाले थे। वहीं पूर्व विधायक पत्नी की मौत के बाद अपनी बेटी को यहां से मुखिया बनाना चाहते थे। जिस बात को लेकर दोनों के बीच रस्साकशी शुरू हो गई थी। प्राथमिकी में यहां तक आरोप है कि पंचायत चुनाव में खड़ा नहीं होने के लिए पूर्व विधायक और उनके भाइयों द्वारा तरह-तरह से धमकी दी जा रही थी। यहां तक की हत्या कर देने की धमकी भी दी गई थी। प्राथमिकी में दावा किया गया कि सुरेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी चुनाव मैदान में खड़ा नहीं हो इसीलिए पूर्व विधायक व उनके लोगों ने इस घटना कांड को अंजाम दिया।
उपचुनाव में अपनी पुत्री को निर्विरोध मुखिया बनाना चाहते थे पूर्व विधायक, सुरेंद्र नहीं थे तैयार :
बताया जा रहा है कि सिंघिया बुजुर्ग पंचायत से पूर्व विधायक रामबालक सिंह अपनी पत्नी की मौत के बाद इस सीट पर अपनी बेटी को निर्विरोध मुखिया बनाना चाहते थे। लेकिन इस सीट पर सुरेंद्र प्रसाद सिंह अपनी पत्नी को पुनः चुनाव मैदान में उतारना चाहते थे। उनका दावा था कि इस बार उनकी जीत सुनिश्चित है। सुरेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी चुनाव मैदान में खड़ा नहीं हो इसको लेकर उन्हें कई बार पूर्व विधायक और उनके लोगों ने धमकी भी दी थी। हालांकि पूर्व में धमकी दिए जाने से संबंधित कोई भी शिकायत थाने में दर्ज नहीं है।
एक अश्लील वीडियो को लेकर भी दोनों के बीच चल रही थी तनातनी :
बताया गया है कि पूर्व विधायक से जुड़ा एक आपत्तिजनक वीडियो सुरेंद्र प्रसाद सिंह को हाथ लगा। जिस वीडियो से पूर्व विधायक की छवि धूमिल हो सकती थी। कहा जाता हैं कि उक्त वीडियो को लेकर पूर्व विधायक और सुरेंद्र प्रसाद सिंह के बीच बीच में समझौता भी हुआ था। लेकिन उक्त वीडियो को सुरेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा डिलीट नहीं किया गया था। चर्चा यह भी है कि सुरेंद्र प्रसाद सिंह पंचायत उपचुनाव में उक्त वीडियो को मोहरा बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। जिस कारण दोनों के बीच तनातनी की स्थिति थी।
पूर्व विधायक ने क्या कहा :
पूर्व विधायक रामबालक सिंह ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा है कि उन्हें इस हत्याकांड से कोई लेना देना नहीं है। राजनीतिक साजिश के तहत उनकी छवि को धूमिल करने के लिए उन्हें प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया है और इस घटना में बेवजह उनके अलावा उनके परिवार के लोगों को घसीटा जा रहा है।
एसपी ने क्या कहा :
दोहरे हत्याकांड पर एसपी विनय तिवारी ने कहा कि इस घटना को लेकर पीड़ित परिवार द्वारा आवेदन दिया गया था जिसमें कई लोगों को आरोपित किया गया है। आरोपित किए गए लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर इस मामले में अनुसंधान शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इस मामले का खुलासा कर लिया जाएगा। घटना के कारणों की स्थिति लगभग साफ हो चुकी है।