जैसे-जैसे गर्मी का तापमान चढ़ने लगा है, वैसे-वैसे मिट्टी के घड़ों व सुराही की मांग भी बढ़ने लगी है. गरीबों के लिए देसी फ्रिज कहे जाने वाले इन मिट्टी के बर्तनों में रखे पानी को पीने से कई बीमारियों में लाभ मिलने के कारण अब आर्थिक संपन्न परिवार के लोग भी विशेषकर गर्मी के मौसम में इन बर्तनों की खरीदारी करने लगे हैं.
कारोबारियों की मानें तो इसके कारोबार में अभी मामूली तेजी आयी है. तापमान जैसे-जैसे चढ़ता है, कारोबार में भी वृद्धि होने लगती है. हालांकि कारोबारियों ने यह भी कहा कि बीते वर्ष की तुलना में इस बार गर्मी शुरू होने के साथ कारोबार भी ठीक-ठाक शुरू हुआ है. वैसे गर्मी के मौसम में विशेषकर मध्यमवर्ग व गरीब वर्ग के लिए मिट्टी के घड़े व सुराही गर्मी में वरदान साबित होते रहे हैं. इस बर्तन में बिना खर्च पानी शीतल रहता है. इन बर्तनों का पानी पीने से कई बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं.
आयुर्वेद रक्षा एवं विकास संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विवेकानंद मिश्र ने कहा कि गर्मी में मटके का पानी जितना ठंडा होता है, स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है. मटके का पानी कुदरती तरीके से ठंडा होता है, इसलिए यह शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं होता. लेकिन, फ्रिज का ठंडा पानी कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करता है.
उन्होंने कहा कि मटके के पानी का तासीर ठंडा होने से गर्मी में भी यह स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर होता है. पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है. साथ ही पित्त संबंधित 40 प्रकार की बीमारियों को भी ठीक करता है. मटके के पानी में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इससे शरीर में आयरन की कमी भी दूर होती है.
मटके का पानी सेवन से गैस की समस्या से छुटकारा मिल जाता है. डॉ मिश्रा ने कहा कि मटके का पानी ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में मदद करता है. यह बैड कॉलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करके हर्ट अटैक की आशंकाओं को भी कम करता है. मटके का पानी पीने से फोड़े, फुंसी, मुंहासे सहित त्वचा संबंधी कई रोगों की समस्याएं दूर होती है. साथ ही त्वचा में भी चमक आ जाती है.
उन्होंने कहा कि मटके का पानी से गले को भी फायदा पहुंचता है. उन्होंने कहा कि इसके सेवन से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक नहीं गिरता, जबकि फ्रीज के पानी के सेवन से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक गिर जाता है.
सामान्य व नल लगे घड़े व सुराही इस बार भी बाजार में बिक रहे हैं. नल लगे घड़े (आकार के अनुसार) 100 से 250 रुपये प्रति पीस व सुराही 75 से 150 रुपये तक प्रति पीस खुदरा बाजार में बिक रहा है, जबकि बिना नल के घड़े 80 से दो सौ व सुराही 50 से 125 रुपये तक प्रति पीस मंगलवार को खुदरा बाजार में बेचा जा रहा है.
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