यूट्यूबर मनीष कश्यप पर अब लगा NSA… बिहार के बाद तमिलनाडु पुलिस ने कसा शिकंजा
यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में गिरफ्तार किए गए मनीष कश्यप को तमिलनाडु की मुदैरा कोर्ट ने 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। साथ ही मनीष के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Manish Kashyap who circulated fake videos of Bihari migrant labourers being attacked in Tamil Nadu was detained under NSA Act: Madurai Police official
— ANI (@ANI) April 6, 2023
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम?
एनएसए एक्ट भारत के सबसे कठिन कानूनों में से एक है. एनएसए एक्ट के तहत अगर केंद्र सरकार या राज्य सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश या राज्य की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है तो उसे एक्ट की इस धारा के तहत 12 महीने तक गिरफ्तार और हिरासत में लिया जा सकता है.
बिहार में मनीष पर पहले भी कई मामलों में हो चुकी है कार्रवाई
बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई थाने में विभिन्न धाराओं में मनीष कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. मनीष कश्यप का विवादों से पुराना नाता रहा है. वह पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है. साल 2019 में पश्चिम चंपारण में महारानी जानकी कुंवर अस्पताल परिसर में स्थित किंग एडवर्ड-Vll की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया था. इस मामले को लेकर मनीष कश्यप ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें साझा की थीं और राष्ट्रवाद के नाम पर मूर्ति तोड़े जाने का समर्थन किया था. इस मामले में जेल जाना पड़ा था.
मनीष ने बिहार में 18 मार्च को किया था सरेंडर
मनीष कश्यप के सरेंडर करने के तुरंत बाद तमिलनाडु पुलिस की टीम पटना पहुंची थी. तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप को अपने साथ ले जाना चाहती थी. हालांकि बिहार पुलिस और ईओयू की पूछताछ की वजह से उस वक्त ऐसा नहीं हो पाया था. घर की कुर्की होने के डर से मनीष कश्यप ने 18 मार्च को सरेंडर कर दिया था.
मनीष कश्यप के सभी बैंक खाते हो चुके हैं फ्रीज
बिहार पुलिस मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज कर चुकी है. इसमें कुल 42.11 लाख रुपये की राशि बताई गई थी. बिहार पुलिस ने बताया था कि मनीष के SBI के खाते में 3,37,496, IDFC BANK के खाते में 51,069, HDFC BANK के खाते में 3,37,463 इसके अलावा SACHTAK Foundation के HDFC BANK के खाते में 34,85,909 रुपये जमा हैं.
मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. वह खुद को ‘सन ऑफ बिहार’ (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है. मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. इस नाम के पीछे वो ‘कश्यप’ लगाता है. हालांकि, ज्यादातर जगहों पर ‘मनीष’ लिखता है. साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उसने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया. पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रह चुके हैं.