कहा जाता है कि संघ लोक सेवा आयोग यानि UPSC का एग्जाम दुनिया के सबसे मुश्किल एग्जामों में से एक है। इसे पास कर लिया तो मतलब आप दुनिया का कोई भी पेपर क्लियर कर सकते हैं। इस परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी कई वर्षों तक इसकी तैयारी करते हैं और दिन के कई घंटे किताबों में लगे रहते हैं। UPSC का एग्जाम क्लियर करने के लिए कड़ी मेहनत और सख्त अनुशासन की आवश्यकता होती है।
हादसे के बाद भी नहीं मानी हार
मंगलवार को आये परिणाम में कुल 933 उम्मीदवार को चयनित किया गया है। इनमें से 345 उम्मीदवार अनारक्षित, 99 ईडब्ल्यूएस, ओबीसी से 263 एससी से 154 और एसटी कैटेगरी से 72 उम्मीदवार शामिल हैं। इन्हीं 933 लोगों में से एक सूरज तिवारी नाम का भी अभ्यर्थी शामिल है। साल 2017 में एक रेल दुर्घटना हुई। इस हादसे की वजह से सूरज ने अपने दोनों पैर और एक हाथ गंवा दिया। इसके साथ ही दूसरे हाथ में केवल एक अंगूठा और दो उंगलियां ही बचीं। इसके बावजूद सूरज ने हार नहीं मानी और जी-तोड़ मेहनत करते रहे।
पिता करते हैं दर्जी का काम
सूरज की मेहनत और कोशिशों ने रंग दिखाया और इस एग्जाम में सफलता हासिल की है। सूरज ने इस परीक्षा में 917 वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने पहले प्रयास में ही इस कठिन परीक्षा को पास कर लिया। मैनपुरी के कुरावली कस्बे के रहने वाले सूरज मीडिल क्लास फैमली से आते हैं। इनके पिता दर्जी का काम करते हैं। बेटे की सफलता पर पिता कहते हैं कि मुझे यकीन ही नहीं हो रहा कि बेटे ने यह सफलता हासिल कर ली है।
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