समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

SamastipurNEWS

कौन कहता है कि खेती-किसानी में फायदा नहीं? समस्तीपुर के इस किसान ने Facebook और YouTube से सीखकर की ऐसी खेती की बदल दी खुद की तकदीर

IMG 20221030 WA0004

व्हाट्सएप पर हमसे जुड़े 

समस्तीपुर/उजियारपुर :- समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड अंतर्गत बेलारी गांव के प्रगतिशील किसान रामकिशोर सिंह तरबूज की खेती से न केवल अपने परिवार की तकदीर बदल ली, बल्कि गांव के लगभग 10 से 12 लोगों को अपने खेतों में रोजगार दे रहे है। साथ ही दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन रहे है। खेती में भाग्य आजमाने वाले किसान रामकिशोर करीब 20 सालों से दूसरे की जमीन ठेके पर लेकर खेती करते आ रहे हैं।

अपने पिता की ही तरह उन्होंने कुछ दिन तक पारंपरिक खेती की, लेकिन इससे होने वाली आमदनी से भरण पोषण मुहाल था। फिर रामकिशोर ने करीब 4 बीघा जमीन ठेके पर लेकर लीक से अलग हट कर सब्जियों की खेती करनी शुरू की। फेसबुक और यूट्यूब पर देखकर तरबूज के अलावा पपीता, परबल, बैगन, लाल भिंडी, टमाटर, गाजर और हरी मिर्च की भी खेती करने लगे।

IMG 20230522 WA0020

इसके बाद उनकी तकदीर ने साथ दिया और उनकी किसानी चमक उठी। उनके जमीन में अब रोज 12 से 15 मजदूर लगे रहते हैं। सालाना खर्चा काट कर दो लाख से तीन लाख बचा भी रहे हैं। बचत की गई राशि से उन्होंने मकान भी बनाया है और कुछ अपने नाम की जमीन भी खरीदी है। किसान रामकिशोर सिंह का कहना हैं कि तरबूज आम तौर पर नदी के ढाव वाले इलाके में होता है। लेकिन इन्होंने तरबूज का बीज मंगाया। मिट्‌टी की जांच कराकर जरूरत के हिसाब से मिट्‌टी में जैविक खाद, बर्मी और गोबर का प्रयोग किया। बिलंब से तरबूज लगाए जाने के बाद भी फसल अच्छी हुई।

IMG 20230324 WA0187 01

रामकिशोर बताते हैं कि बाजार में मिल रही तरबूज और इनके खेत में उपजे तरबूज के मिठास में काफी अंतर है। इस मिट्‌टी के तरबूज में मिठास काफी अच्छी है। चुकी उन्होंने रासायनिक खादों का प्रयोग नहीं किया। रामकिशोर बताते हैं कि इस इलाके में तरबूज की खेती की जानकारी के बाद खरीदार उनके खेत तक पहुंच कर तरबूज की खरीदारी कर रहे हैं। उनका तरबूज 1200 क्विंटल तक बिका है। अब तो सिजन खत्म हो रहा है।

Sanjivani Hospital New Flex 2023 Bittu G

इस बार उन्होंने करीब एक बीघा में तरबूज लगाया था। अगले वर्ष इसका दायरा और बढाएंगे। उम्मीद से ज्यादा आमदनी हो रही है। खेतों तक खरीदार के आने से उन्हें बाजार भी नहीं जाना पड़ता है। खेतो में ही दाम मिल जाता है। किसान रामकिशोर अपने खेतों में मौसम के अनुसार फसल लगाते हैं। इससे उनको सामान्य दिनों में प्रति एकड़ एक से सवा लाख रुपये सालाना की आमदनी होने लगी। इसके बाद उन्होंने आर्गेनिक सब्जियों की भी खेती शुरू कर दी। चूंकि इस समय आर्गेनिक सब्जियों और फलों की खूब डिमांड है, इसलिए उनको अच्छा खासा मुनाफा होने लगा। अब वह अपने खेतों में ही व्यस्त रहते हैं और मांग के अनुसार अपनी सब्जियों को मंडियो तक भेजते हैं।

Samastipur Town Page Design 01

आस-पास के किसान भी अब हो रहे प्रेरित

किसान रामकिशोर की खेती देख आस-पास के किसान भी अब प्रेरित हो रहे है। किसानों कहना है कि रामकिशोर की तरह ही अब दूसरे किसान भी पारंपरिक खेती छोड़ मिश्रित कर ज्यादा मुनाफे के साथ नगद आमदनी पा रहे है। निश्चित तौर पर खेती को घाटे का सौदा मानने वाले किसानों के लिए रामकिशोर प्रेरणा स्रोत है। जरूरत है तकनीक के साथ खेती करने की ताकि कम लागत में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके।

20x10 unipole 18.05.2023 scaled

IMG 20230513 WA0020

IMG 20230428 WA0067 01 01

IMG 20230416 WA0006 01

Post 193 scaled

20201015 075150