ओडिशा रेल हादसे के बाद लोगों ने दिखाई मानवता, रक्तदान करने के लिए उमड़ पड़ी भीड़
ओडिशा के बालासोर में रेल दुर्घटना में 900 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राज्य के मुख्य सचिव ने 233 लोगों की जान जाने की पुष्टि की है। इस बीच विभिन्न अस्पतालों में भर्ती घायल यात्रियों की जान बचाने के लिए बड़ी संख्या में लोग रक्तदान कर रहे हैं। अस्पतालों के बाहर रक्तदान करने वालों की कतारें लगी हैं।
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार रात सात बजे के करीब कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के बेपटरी होने और एक मालगाड़ी के टकराने की भयानक घटना के बाद बचाव और राहत कार्य जारी है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे।
उधर, पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। इसी बीच एक मालगाड़ी के भी आ जाने से उससे भी टक्कर हो गई। तीन रेलगाड़ियों की इस टक्कर से अब तक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 235 लोगों की मौत हो चुकी है और 900 से ज्यादा लोग घायल हो गये हैं।
घटनास्थल पर मौजूद ‘पीटीआई-भाषा’ के एक संवाददाता ने बताया कि पटरी से उतरे डिब्बों में कई लोग फंस गए और स्थानीय लोग उन्हें बचाने के लिए आपातकालीन सेवा कर्मियों की मदद कर रहे थे, लेकिन अंधेरा होने की वजह से अभियान में दिक्कतें आईं। एक चश्मदीद ने बताया कि सबसे पहले स्थानीय ग्रामीण दुर्घटनास्थल पर मदद के लिए पहुंचे और घायल यात्रियों को निकलने में सहायता की। यात्री रूपम बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘स्थानीय लोग तुरंत हमारी मदद करने के लिए आगे आये… न केवल लोगों को बाहर निकालने बल्कि हमारे सामान को निकालने में भी मदद की और हमें पानी उपलब्ध कराया दिया।’’
इस बीच, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वह घटनास्थल रवाना हो रहे हैं। वैष्णव ने ट्वीट किया, ‘‘ओडिशा में घटनास्थल के लिए निकल रहा हूं। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ होने और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना के लिए प्रार्थना करता हूं। भुवनेश्वर और कोलकाता से बचाव दल भेजे गए हैं। एनडीआरएफ, राज्य सरकार के दल और वायुसेना को भी बचाव कार्य में लगाया गया है।’’