शादी के बाद विदाई के समय खोंइंछा में दूब-धान के बदले पेड़ लेकर ससुराल जाती है समस्तीपुर के इस गांव की बेटी
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समस्तीपुर/मोहनपुर :- समस्तीपुर जिले के मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत एक गांव ने ‘बेटी और पेड़’ बचाने की जो शपथ ली, उसकी खुशबू पूरे एक दशक बाद भी कम होने का नाम नहीं ले रही। आसपास के न जाने कितने गांव मह-मह कर रहे हैं। ‘बेटी को लक्ष्मी’ और ‘पेड़ों को जीवन’ का आधार मानकर वर्षों से इनकी पूजा की चली आ रही परंपरा को लोगों ने और आगे बढ़ा दिया है। यहां की बेटियां जब विवाह के बाद ससुराल के लिए विदा होती है, तो पेड़ लगाकर अपनी स्मृति छोड़ जाती है।
वे अपने साथ खोंइंछे में पेड़ की भेंट लेकर भी जाती हैं। समूचे प्रखंड क्षेत्र में पेड़ और बेटी के सम्मान के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले पर्यावरणसेवी सुजीत भगत के प्रयासों से यहां के लोगों ने इस प्रकार के अपने कृतिमान रचे हैं। गुरूवार को एक ऐसी ही बेटी खोंइंछा में दूब-धान की जगह पेड़ लेकर ससुराल को चली, तो दुल्हे पक्ष के लोगों ने गांव की इस परंपरा का सम्मान किया और आगे अपने यहां भी ऐसी परंपरा की नींव डालने का वचन दिया।
जलालपुर पंचायत के चन्द्रभूषण यादव की बेटी सोनी कुमारी का विवाह वैशाली जिले के इनायतपुर परबोथी गांव निवासी रामनारायण राय के बेटे दीपक कुमार के साथ हुआ। बुधवार की रात में हुए इस विवाह में प्लास्टिक के ग्लास और थर्मोकोल के पत्तों के बदले कागज और मिट्टी के बरतनों का उपयोग हुआ। पर्यावरण हितकारी इस प्रेरणादायी माहौल ने बारातियों में भी चेतना जगायी।
डीजे की आवाज धीमी की गयी और ध्वनी प्रदूषण पर पाबंदी लगायी गयी। रात में विवाह के बाद गुरूवार को दुल्हन पेड़ की सौगात लेकर अपनी ससुराल के लिए हरियाली के संदेश के साथ विदा हुई। आर्शीवाद देने के लिए डाॅ. सुनील कुमार, मुकेश चौहान, राजू राय, संतोष पासवान, मनीष कुमार उर्फ रूपेश, रविश कुमार, विधानचन्द्र राय, शिव कुमार उपस्थित रहे।