समस्तीपुर :- एम्बुलेंस चालकों की अनिश्चित हड़ताल शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही। एम्बुलेंस चालकों की अनिश्चित हड़ताल से मरीजों की सांसे अटकी हुई हैं। खास कर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की परेशानी ज्यादा है। शहरी क्षेत्र के मरीजों को भी मुंहमांगी कीमतों पर निजी एम्बुलेंस लेना पड़ रहा है। चालकों की माने तो लगातार एजेंसी और सरकार के माध्यम से अपने लंबित वेतनमान की मांग कर रहे थे।
चालकों का कहना है कि वेतन नहीं मिलने से आजिज होकर संघ के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने की फैसला लिया है। एंबुलेंस चालकों के हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीण इलाकों में खासकर गर्भवती महिलाएं एवं डिलीवरी मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है। इसके अलावा इमरजेंसी सेवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाल लिया जायेगा।
समस्तीपुर में 102 एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है। एम्बुलेंस हड़ताल के कारण मरीजों को प्राइवेट एम्बुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है। इसके कारण उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रसूता एवं अन्य मरीजों को परिजन ई रिक्शा की मदद से अस्पताल पहुंचा रहे हैं। गुरुवार को एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण वैनी ओपी के मोहम्मदपुर कोआरी के एमडी मजहर को परिजनों ने ई-रिक्शा की मदद से निजी अस्पताल ले गए। सदर अस्पताल से डीएमसीएच दरभंगा जाने के लिए 2 से 4 हजार व पीएमसीएच जाने के लिये 4 से 6 हजार रुपये तक की राशि निजी एंबुलेंस चालकों द्वारा वसूली जा रही है।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत एंबुलेंस कर्मी 13 जुलाई से हड़ताल पर चले गए है। इस दौरान सदर अस्पताल में एंबुलेंस कर्मियों ने शुक्रवार को धरना देते हुए अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। साथ ही सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। संघ के जिलाध्यक्ष भोला कुमार ने बताया गया कि जब से उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा।
पूर्व के एजेंसी के द्वारा भी कर्मियों के वेतन की राशि का गबन कर लिया गया। नयी एजेंसी के आने के बाद बकाया तीन महीने का वेतन नहीं दिया गया है। अन्य मांगों में 11 माह का पीएफ राशि भुगतान अविलंब करने, नए कर्मियों को नियुक्ति पत्र उपलब्ध कराने, आठ घंटे की ड्यूटी लेने सहित अन्य मांग शामिल है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि पूर्व में भी ज्ञापन के माध्यम से जिला प्रशासन, सिविल सर्जन, पीडीपीएल कंपनी को सूचना दी गयी थी। मांग पर सुनवाई नहीं होने पर हड़ताल किया गया है।
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