नालंदा से समस्तीपुर आकर तीन दर्जन चोरों का गिरोह करता था मवेशियों की चोरी, ऐसे देता था घटना को अंजाम
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समस्तीपुर :- मोहनपुर ओपी अध्यक्ष नंद किशोर यादव हत्याकांड में चार बदमाशों को गिरफ्तारी को लेकर एसपी ने दस दिनों का टारगेट दिया था। एसपी ने बताया कि घटना के बाद तीन एसआईटी का गठन कर कांड खुलासा करने के लिए दस दिनों का टारगेट दिया गया था। लेकिन एसआईटी ने पांच दिनों के अंदर दस कुख्यातों की पहचान करते हुए चार को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही गिरोह में शामिल फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम विभिन्न राज्यों में काम कर रही है। शीघ्र ही अन्य बदमाशों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
एसपी ने बताया कि गिरोह में शामिल 3 दर्जन से अधिक लोग अलग-अलग क्षेत्रों में बंट कर घटना को अंजाम देते थे। सभी चोर मुख्य रूप से नालंदा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले थे वहीं कुछ स्थानीय लाइनर की भूमिका में रहते थे। गिरोह एक ट्रक, दो पिकअप, दो स्कार्पियो एवं कुछ बोलेरो का प्रयोग करता था। कुछ लोग पहले घटना वाले क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति को समझते थे। ताकि कहां से अधिक से अधिक मवेशी की चोरी कर आसानी से निकाला जा सके। गिरोह में शामिल सभी लोगों को अगल-अलग कामों का भी बंटवारा किया गया था।
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों से हुई पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि यह गैंग छह महीनों से चोरी कर रहा था। गिरोह जहानाबाद, गया, मोतिहारी, सीतामढ़ी में भैंस की चोरी कर चुका था। यह गिरोह आठ बजे पहुंच जाता था। ट्रक को कहीं रेत या मिट्टी के टिल्ली के आसपास पार्किंग करता था। फिर रेकी करने वाला स्कार्पियों से पहले पहुंच जाता था। पिकअप से भैंस की चोरी कर मिट्टी के टिल्ले के सहारे चोरी की गयी भैंस को ट्रक पर लोड करता था।
चार चोरों के पास रहता है हथियार:
एसपी ने बताया कि गैंग में शामिल चार बदमाशों के हाथ में हथियार रहता था। ताकि अगर कोई जाग जाये या पकड़ने का प्रयास करे तो वह पहले हवाई फायरिंग कर धमकाता था। फिर हवाई फायरिंग करते हुए गिरोह के लोगों को सुरक्षित स्कॉट कर क्षेत्र से बाहर निकाल लाता था।
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