संसद में अमित शाह ने क्यों बोला, नीतीश कुमार ने मेरा मजाक उड़ाया… जानिए
लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। अमित शाह ने कहा कि जब हम बैंक अकाउंट खोलने के लिए जनधन योजना लेकर आए तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमार मजाक उड़ाया। नीतीश जी ने कहा था कि अकाउंट तो खोल दिया, अंदर क्या डालेंगे? अमित शाह ने कहा कि नीतीश बाबू, हमारी बात सुन लीजिए। 49 करोड़ बैंक खाते खोले गए, जिसमें 2 लाख करोड़ गरीबों के जमा हैं। केंद्र और राज्य सरकार की 300 से ज्यादा योजनाओं का पैसा डायरेक्ट इन खातों में जाता है।
अमित शाह ने कहा कि मैं देश की जनता को याद कराना चाहता हूं कि एक ओर करोड़ों रुपए खर्च करके बहुमत खरीदने वाले लोग बैठे हैं और दूसरी ओर सिद्धांत के लिए सत्ता छोड़ने वाले लोग बैठे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा देती थी, लेकिन करती कुछ नहीं थी, गरीबी हटाने का काम इस सरकार ने किया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि पहले कांग्रेस के ही प्रधानमंत्री कहते थे कि वो एक रुपया भेजते हैं तो गरीबों तक 15 पैसे ही पहुंचते हैं, 85 पैसे गायब हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से पूरा पैसा गरीबों के बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं।
विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि विपक्षी यूपीए का चरित्र है सत्ता के लिए भ्रष्टाचार करना जबकि एनडीए का चरित्र है सिद्धांतों के लिए राजनीति करना। उन्होंने कहा कि मैं पूरे देश में घूमा हूं, कहीं भी सरकार के खिलाफ अविश्वास की हल्की सी झलक भी नहीं दिखी। मैं इस सदन के माध्यम से पूरे देश की जनता को बताना चाहता हूं कि आजादी के बाद किसी एक नेता में जनता ने सबसे अधिक विश्वास दिखाया है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि अल्पमत का तो सवाल ही नहीं है, क्योंकि जो अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में बोले हैं और जो समर्थन सदन में दिखाई पड़ा है, वो बताता है कि अल्पमत का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता में भी विश्वास है, क्योंकि देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में नई आशा का संचार अगर किसी प्रधानमंत्री और सरकार ने किया है तो वह नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अगर कोई सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री है तो वो नरेन्द्र मोदी हैं और यह बात वे नहीं कहते, दुनिया भर के कई सर्वेक्षण कहते हैं।