समस्तीपुर: अब स्कूल बसों में बच्चों को लाने-ले जाने की मॉनिटरिंग होगी, इन मानकों को पूरा करना जरूरी
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समस्तीपुर : स्कूलों से बच्चों को लाना-ले जाना (बाल परिवहन) सुरक्षित हो, इस पर परिवहन मुख्यालय गंभीरता बरत रहा है। इसी कड़ी में अब इसकी मॉनिटरिंग हर हफ्ते परिवहन मुख्यालय से की जाएगी। मुख्यालय ने स्कूली बसों और अन्य स्कूली वाहनों की विशेष जांच का निर्देश भी दिया है। जिन वाहनों को मानक के अनुसार नहीं पाया जाएगा, उनके विरुद्ध परिवहन विभाग कार्रवाई करेगा।
इसके लिए परिवहन आयुक्त बी. कर्तिकेय धनजी ने समस्तीपुर समेत सूबे के सभी जिलों के डीटीओ, एमवीआई और ईएसआई को निर्देश जारी किया है। बाल परिवहन में जिन मानकों को ध्यान देना है, उनमें मुख्य रूप से स्कूली वाहन पीले रंग के होने चाहिए। वाहनों पर न्यूनतम 150 मिमी चौड़े भूरे रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम साफ-साफ व स्पष्ट शब्दों में लिखा होना चाहिए।
फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य रूप से लगा होना चाहिए। बस में फायर सेफ्टी डिवाइस अनिवार्य रूप से उपलब्ध होना चाहिए। बसों में जीपीएस ओर पैनिक बटन लगा होना चाहिए। बसों में इमरजेंसी विंडो, सीसीटीवी कैमरे भी अनिवार्य रूप से लगे होने चाहिए। स्कूल के लिए जिन वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है, उनमें स्कूल ड्यूटी लिखा होना अनिवार्य है। ऐसा लिखा नहीं होने पर संचालक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
मानक पूरा नहीं करने वाली बसें होंगी जब्त
स्कूली वाहनों में ड्राइवर व कंडक्टर का नाम, पूरा पता, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर आदि लिखा होना अनिवार्य है। वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र भी लगातार अपडेट होना चाहिए। अधिकारी जब चेकिंग करेंगे तो मानकों को विशेष रूप से इंगित करते हुए आगे की कार्रवाई करेंगे। जो वाहन मानक पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें जब्त कर लिया जाएगा।
परिवहन मुख्यालय ने सभी अधिकारियों को हर हफ्ते इसको लेकर कार्रवाई करने और रिपोर्ट मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया है। मुख्यालय ने कहा है कि जिन जिलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं होगा, उन जिलों की अलग से समीक्षा की जाएगी। हफ्ते में तीन दिनों तक अभियान चलाने का निर्देश भी मुख्यालय की ओर से दिया गया है। इसके लिए पूर्व में भी जिला परिवहन विभाग द्वारा स्कूलों को निर्देश दिये गए थे।