15 दिन पहले हुई होती वर्षा तो अब तक सारे खेतों में लहलहा रहे होते फसल, डीजल अनुदान और बारिश के बाद धनरोपनी में तेजी
समस्तीपुर :- मानसून की मेहरबानी व डीजल अनुदान से धीरे-धीरे धान की खेती का रकबा बढ़ने लगा है। एक सप्ताह पूर्व तक जहां 40 फीसदी रकबा में ही धान की रोपाई की गई थी। वहीं दो दिन हुई बारिश के बाद अब 59 फीसदी के आंकड़ा को छू लिया है। हालांकि वैज्ञानिकों की मानें तो धान की खेती पिछात होने के बाद इसका असर पैदावार पर पड़ेगा।
इधर, दो दिनों से रिमझिम बारिश होने के कारण अगली धान की फसल को लाभ हो रहा है। किसानों ने खेतों में खाद डालने की भी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि मक्का की बुआई के लक्ष्य में विभाग की सफलता मिल रही है। 90 फीसदी मक्का की बुआई जिले में हो चुकी है।
विभाग की माने तो मानसून अगर तीन-चार दिनों तक अच्छी स्थिति में रहा तो धान की रोपनी का रकबा 80 फ़ीसदी तक पहुंच सकता है। मंगलवार को दिन भर बूंदाबांदी होती रही। वहीं सोमवार को भी जिले में हल्की वर्षा हुई। यह वर्षा रोपे गए धान के लिए किसी वरदान से कम कम नहीं है। किसानों ने बताया कि अगर यही वर्षा 15 दिन पहले हुई होती तो अब तक सारे खेत लहलहा रहे होते। किसान रोपनी करने के बाद धान की सोहनी तथा उर्वरक के छिड़काव में जुटते।
सिंचाई के आभाव में चौपट होती है खेती :
जिले की खेती सिंचाई के अभाव में मारी जाती है। जिले में नहर की सुविधा कही नहीं है। इधर सरकारी पंप भी किसानों के लिए कोई फायदा नहीं दे पाता है। जिला प्रशासन की ओर से हर साल रबी व खरीफ फसल की खेती को लेकर सरकारी पंप को दुरूस्त करने को लेकर निर्देश जारी किया गया था। लेकिन हर साल स्थिति यथावत रह जाती है। सही तरीके से किसानों को पंप का लाभ नहीं मिल पाता है।
बाइट :
डीजल अनुदान की राशि किसानों के खाते में भेजा जा रहा है। मौसम में भी परिवर्तन हो रहा है। उम्मीद है कि धान की खेती को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित कर रखा गया है उसे पूरा करा लिया जाएगा।
-दिनकर प्रसाद सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी