भारतीय रेल द्वारा वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट के तहत समस्तीपुर जिले के आठ स्टेशन सहित सोनपुर रेल मंडल का 48 स्टेशनों का चयन किया गया है। वहीं सोनपुर रेल मंडल के नौ स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के अंतर्गत स्टॉल लगाया गया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्थानीय हस्तशिप व उद्योगों को बढ़ावा देने की पहल के तहत स्थानीय उत्पादन जैसे कि खाद्य पदार्थ, हस्तशिल्प उत्पाद, कलाकृतियां, हथकरघा इत्यादि क्षेत्र विशेष के विशिष्ट उत्पादो को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर प्रदर्शनी सह बिक्री के लिए रेलवे द्वारा स्टॉल प्रदान किये जा रहे हैं।
रेलवे के इस पहल से स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार का एक नया अवसर भी पैदा हो रहा है। इसी के आलोक में एक स्टेशन एक उत्पाद के अंतर्गत सोनपुर मंडल के 9 स्टेशनों पर ये बिक्री केंद्र अभी वर्तमान में चल रहे हैं। जिसमें मुजफ्फरपुर जंक्शन पर लहठी एवं चूड़ी, सोनपुर स्टेशन पर नर्सरी प्लांट, हाजीपुर स्टेशन पर बांस से निर्मित उत्पाद, बरौनी एवं बेगूसराय स्टेशन पर मंसूर चक के मिट्टी के बने हुए खिलौने , खगड़िया स्टेशन पर मिट्टी के बने हुए उत्पाद, शाहपुर पटोरी में देसी घी, मानसी स्टेशन पर मिट्टी से बने उत्पाद एवं नवगछिया स्टेशन पर भागलपुरी चादर के स्टॉल खोले गए हैं।
जबकि सोनपुर रेल मंडल के 48 स्टेशनों का चयन किया गया है। इसमे गोल्डिंग गंज, बड़ा गोपाल, दिघवारा, शीतलपुर, अवतार नगर, नयागांव, पहलेजा घाट, अक्षयवट राय नगर, सराय, घोसवर, वैशाली भगवानपुर, गोरौल, मोहिउद्दीननगर, देसरी, सहदेव बुजुर्ग, महनार रोड, विद्यापति धाम, राम दयालू नगर, नारायणपुर अनंत, ढोली, खुदीराम बोस पूसा, दलसिंहसराय, कर्पूरी ग्राम, पसराहा, तेघरा, लखमीनिया, न्यू बरौनी जंक्शन, बछवारा, साहिबपुर कमाल, काढ़ागोला रोड, कुर्सेला, दिनकर ग्राम सिमरिया, कटरिया, खरिक, कुढ़नी, महेशखूंट, उजियारपुर, चक सिकंदर, नाजीरगंज, सीहो, सिलौत, तिलरथ, तुर्की, महेशखूंट, नारायणपुर, सब्दलपुर, थाना बिहपुर एवं सेमापुर सहित कुल 48 स्टेशनों पर भी शीघ्र ही वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के तहत स्टॉल का आवंटन किया जाएगा। स्टॉल लेने के इच्छुक व्यक्ति संबंधित स्टेशन के स्टेशन मैनेजर, या वाणिज्य निरीक्षक अथवा एसएसओ से संपर्क कर के आवेदन दे सकते हैं और अपने उत्पादों को दूर-दूर तक फैलाने के लिए इस शुभ अवसर का लाभ उठा सकते हैं।
रेलवे स्टेशन पर स्टाल लगाए जाने से “वोकल फ़ॉर लोकल” अभियान को भी बढ़ावा मिल रहा है। इससे हमारे स्थानीय कारीगर, कलाकार, शिल्पकार साथियों को नया बाजार मिल रहा है। विदित हो कि इस योजना के तहत स्टॉल व ट्रॉली रेलवे द्वारा बनाकर दिया जाएगा। किसी भी एक आवेदक को अधिकतम तीन महीने के लिए स्टॉल आवंटित किया जाएगा ।एनएसजी 5 तथा एनएसजी 6 श्रेणी के स्टेशनों को छोड़कर बाकी स्टेशनों के लिए 15 दिनों के लिए ₹1000 का शुल्क लगता है जो उत्पाद लगाने वाले आवेदकों को रेलवे को देना होता है। एनएसजी 5 एवं एनएसजी 6 श्रेणी के स्टेशनों पर 15 दिन के लिए शुल्क ₹500 किया जा सकता हैं।
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