समस्तीपुर में इस जगह कलश स्थापना के दिन ही खुलता है माता का पट, वर्षो की परम्परा यहां आज भी हैं कायम
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समस्तीपुर/विद्यापतिनगर [पदमाकर सिंह लाला] :- समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न दुर्गा मंदिरों में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापन के साथ पूजा अर्चना शारदीय नवरात्र को लेकर की गयी। आम तौर पर माता का पट नवरात्रि पर्व के अष्टमी तिथि को श्रद्धालुओं के दर्शन को खुलता है। लेकिन हरपुर बोचहा के माता मंदिर में वर्षों की परम्परा के अनुसार कलश स्थापना के बाद माता का पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ मन्दिर परिसर में जुट गयी।
पुजारी रजनीश कुमार तिवारी का बताना है कि वर्षों से यहां कलश स्थापना के बाद माता का पट श्रद्धालुओं के लिये खोल दी जाती है। यहां देवी दुर्गा के साथ बीस अन्य देवी – देवता के वाहनों के साथ पूजन की परम्परा रही है। जो भक्तों के लिये आकर्षण का केंद्र बना रहता है। संध्या आरती के दौरान मनोकामना के लिये भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
बताया जाता है कि हरपुर बोचहा वाली मइया के दरबार में भक्त सच्चे दिल से जो कुछ भी मांगता है। मईया उसकी मुरादें अवश्य ही पूरी होती है। आस्था का केंद्र बना इस मंदिर में मनोकामना पूर्ण होने पर बड़ी संख्या में नवमी तिथि के दिन छागर बलि प्रदान की जाती है। बलि प्रथा को लेकर दूर दराज से लोग मन्दिर परिसर में पहुंचते हैं।
समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न दुर्गा मंदिरों में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापन के साथ पूजा अर्चना शारदीय नवरात्र को लेकर की गयी। आम तौर पर माता का पट नवरात्रि पर्व के अष्टमी तिथि को श्रद्धालुओं के दर्शन को खुलता है। लेकिन हरपुर बोचहा के माता… pic.twitter.com/XibIza7s1u
— Samastipur Town (@samastipurtown) October 15, 2023
जानकारी के मुताबिक परम्परा के अनुसार यहां सैकड़ों वर्षों से रघुवंश नारायण सिंह व कुलदीप नारायण सिंह के पूर्वजों ने दुर्गा पूजा की स्थापना की थी। रघुवंश नारायण सिंह व कुलदीप नारायण सिंह के वंशज आज भी कायम हुए इस परम्परा के मुताबिक ही पूजा पाठ कर रहे है। उधर संध्या आरती में मंदिरों पर दीप जलाने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ संध्या आरती में मंदिरों में पूजा स्थलों पर माता के संध्या आरती में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। संध्या आरती में दीप के साथ पूजा पंडाल और मंदिरों में समय से पहले श्रद्धालु पहुंच पूजा अर्चना कर दीप जलाकर भक्तों ने माता की स्तुति करते दिखें।