पूर्ववर्ती छात्रों का एक-दिवसीय समागम कार्यक्रम आयोजित, ग्रामीण बच्चों के विकास के लिए ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा साझा प्रयास
विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में ग्रामीण बच्चों के लिए भी हैं अवसर: ललित कुमार सिंह
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समस्तीपुर/उजियारपुर : भगवानपुर देसुआ मिडिल स्कूल के प्रांगण में गुरुवार को पूर्ववर्ती छात्रों का एक दिवसीय समागम कार्यक्रम आयोजित किया गया। ‘राइज़िंग (RISING) 2023’ नाम के इस कार्यक्रम का आयोजन समागम देसुआ पब्लिक लाइब्रेरी और जगदीश चौरसिया मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम का आरंभ देसुआ मध्य विद्यालय तथा उच्च विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों के समागम से हुआ जिसमें यह निर्णय लिया गया कि बच्चों के विकास हेतु यह संस्था आगे भी प्रयासरत रहेगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ललित कुमार सिंह (डीसीएलआर, सहरसा) ने कार्यक्रम के आयोजन हेतु ग्रामवासियों को बहुत बधाई दी। साथ ही, उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के विभिन्न आयामों से बच्चों को अवगत कराया। कार्यक्रम के दौरान मिडिल स्कूल और हाई स्कूल के बच्चों द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दी गई। क्विज, निबंध और अन्य प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय, और तृतीय पुरस्कार पाए छात्रों को गणमान्य अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।
देसुआ पब्लिक लाइब्रेरी ग्रामवासियों द्वारा शुरू की गई एक साझा पहल है। यह पुस्तकालय पिछले तीन वर्षों से देसुआ के अलावा आसपास के गांवों में शैक्षणिक गतिविधियों के द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु प्रयासरत है। साथ ही, यहाँ कई अन्य प्रयास जैसे नवोदय विद्यालय में दाख़िले के लिए तैयारी कराना, विभिन्न छात्रवृत्तियों के ज़रिए बच्चों को आर्थिक मदद पहुंचाना, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिए सहायता उपलब्ध करना आदि किए जा रहे हैं।
इनके प्रयास से अब तक कई बच्चों का अलग-अलग केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नामांकन हुआ है। इस साल कई बच्चों का वीणा उपेंद्र छात्रवृत्ति के लिए चयन समेत तीन बच्चों का टीचर ट्रैनिंग कॉलेज तथा इंजीनियरिंग कॉलेज में चयन हुआ है। इस कार्यक्रम में सात संस्थानों ने भाग लिया जिन्होंने अपने अपने स्टॉल लगाकर अपने कार्यों का प्रदर्शन किया। इस समागम को सफल बनाने में अवकाश प्राप्त शिक्षक वैद्यनाथ पोद्दार सहित राजीव कुमार, नीतीश वत्स, अर्जुन कुमार, आंनद कुमार, डॉक्टर रणधीर कुमार, डॉक्टर अनुराग कुमार, शशांक कुमार, जितेंद्र कुमार, अमरदीप कुमार, प्रधानाध्यापक संदीप कुमार आदि ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया।