समस्तीपुर :- ठंड के मौसम में कोहरे के कारण ट्रेनों की स्पीड पर भी कहर ढाने लगता है। कोहरे के कारण जहां दर्जनों ट्रेनों को तीन महीने के लिए रद्द किया गया है, तो वहीं दूसरी ओर परिचालित ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन रेलवे के लिए चुनौती होगी। इसको देखते हुए रेलवे ने सभी ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाने का निर्णय लिया है। ताकि कोहरे में ट्रेनों के परिचालन पर इसका असर कम हो सकें और सुरक्षित व संरक्षित ट्रेनों का परिचालन किया जा सकें।
इस संबंध में पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ बीरेंद्र कुमार के अनुसार समस्तीपुर सहित पूर्व मध्य रेल के सभी ट्रेनों में यह सुविधा दी जाएगी। सभी ट्रेन फॉग सेफ डिवाईस से युक्त होगा। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में संभावित कोहरे को देखते हुए ईसीआर के द्वारा परिचालन की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे हैं। जिससे कि कोहरे के दौरान गाड़ियों का विलंब कम से कम हो सकें।
ट्रेनों के विलंब के कारण यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। फॉग सेफ डिवाईस से काफी सुविधा होगी। इसी उद्देश्य से शत-प्रतिशत मेल व एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फॉग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है। ताकि परिचालन में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो सकें।
सीपीआरओ ने बताया कि फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है, जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिगनल की चेतावनी देता है। जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं। इसके अतिरिक्त फॉग मैन भी तैनात किये जा रहे हैं, जो कोहरे के दौरान रेल लाइन पर सिगनल की स्थिति की निगरानी करेंगे। रेल फ्रैक्चर से बचाव एवं समय पर इसकी पहचान के लिए वरीय अधिकारियों की निगरानी में रेल कर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है। लाइनमैन एवं पेट्रोलमैन को जीपीएस ट्रैकर दिया गया है ताकि उनकी खुद की भी सुरक्षा के साथ-साथ सूचनाओं को तत्काल प्रेषित किए जाने की सुविधा है।
सिगनलों की दृश्यता को बढ़ाने के लिए सिगनल साइटिंग बोर्ड, फॉग सिगनल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर आदि को एक विशेष रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है। सिगनल आने के पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान बनाया गया है। ताकि लोको पायलट कुहासे वाले मौसम में सिगनल के बारे में अधिक सतर्क हो जायें। शीतकाल में सुगम ट्रेन परिचालन हेतु बरती जाने वाली इन कदमों की जानकारी देने हेतु ट्रेन परिचालन से सीधे रूप से जुड़े रेलकर्मियों को संरक्षा सलाहकारों द्वारा लगातार कांउसिलिंग भी की जा रही है।
कोहरा को लेकर स्टेशन मास्टरों तथा लोको पायलटों को भ्ज्ञी निर्देश दिया गया है। कोहरा होने पर तत्काल इसकी सूचना कंट्रोल कक्ष को देने का आदेश दिया गया है। साथ ही दृश्यता की जांच वीटीओ (विजुविलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट) से करें। दृश्यता बाधित होने की स्थिति में लोको पायलट ट्रेन के ब्रेक पावर, लोड और दृश्यता की स्थिति के आधार पर गाड़ी की गति को नियंत्रित करें। लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर वे गाड़ियों को नियंत्रित गति से चलायें। समपार फाटक पर तैनात गेटमैन एवं आम लोगों तक ट्रेन गुजरने की सूचना मिल सके। इसलिए ट्रेन के चालक समपार फाटक के काफी पहले से लगातार हॉर्न देंगे ताकि यह पता चल सके कि समपार फाटक से ट्रेन गुजरने वाली है।
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