समस्तीपुर/विद्यापतिनगर :- विद्यापतिनगर प्रखंड अंतर्गत बाजिदपुर बाजार स्थित श्रीकृष्णा हेल्थ केयर हॉस्पिटल में शल्य चिकित्सा के बाद रविवार की देर रात एक महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र के बमौरा गांव निवासी टुनटुन पासवान की पत्नी संजू देवी (45) के रुप में हुई है। घटना को लेकर सोमवार की सुबह परिजनों ने जमकर बबाल कटा।
घटना से अक्रोशित ग्रामीणों का गुस्सा मृतका के शव को देखते ही फूट पड़ा। अपेंडिक्स का ऑपरेशन करने के दौरान किडनी निकालने का स्वजनों ने आरोप लगाया हैं। लोगों का आक्रोश देख फर्जी श्रीकृष्णा हेल्थ केयर हॉस्पिटल का संचालक फ्लैक्स बोर्ड हटा व हॉस्पिटल बंद कर फरार हो गया। गुस्साए ग्रामीण उक्त हॉस्पिटल को फूंक डालने के लिए घेराबंदी में जुटे थे। इसी बीच आरोपी तथा कथित चिकित्सक के कानूनी भय चर्चा का विषय बना। इसे लेकर स्थानीय मुखिया ने मृतका के स्वजनों से पहल कर सामाजिक समझौता के तहत हॉस्पिटल प्रबंधन से एक लाख इक्कावन हजार मुआवजा दिलवाकर मामले को शांत कराया।
मृतका के पति बमौरा गांव निवासी टुनटुन पासवान ने बताया कि उनकी पत्नी संजू देवी को गत दिनों से पेट में दर्द हो रहा था। निकटवर्ती बाजिदपुर बाजार स्थित श्रीकृष्णा हेल्थ केयर हॉस्पिटल में दिखवाने पर वहां के चिकित्सक डा. डी के राय ने उन्हें अपेंडिक्स का ऑपरेशन करवाने की बात बता कम खर्च में ऑपरेशन करने का भरोसा दिलाया। सफल ऑपरेशन का भरोसा दिला सात हजार रुपया लिया। उसके बाद शनिवार को अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया।
ऑपरेशन के बाद स्थिति बिगड़ने पर उक्त हॉस्पिटल के कर्मियों द्वारा समस्तीपुर के धनवंतरी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया जहां उसकी मौत हो गई। उसके बाद श्रीकृष्णा हेल्थ केयर हॉस्पिटल के कर्मी भाग निकले। समस्तीपुर के धनवंतरी हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने बतलाया कि मृतका का दोनों किडनी गायब है। उसके बाद मृतका के स्वजनों व ग्रामीणों में घटना को लेकर आक्रोश व्याप्त हो गया।
उधर लोगों का आक्रोश देख फर्जी श्रीकृष्णा हेल्थ केयर हॉस्पिटल का संचालक फ्लैक्स बोर्ड हटा व हॉस्पिटल बंद कर फरार हो गया। इधर घटना के बाद मृतका के स्वजनों सहित पुत्र अमित पासवान, सोनू पासवान, मोनु पासवान, मनोज पासवान व पुत्री सीता कुमारी,मीता कुमारी आदि के करुण कंद्रन से माहौल गमगीन बना हुआ है।
बताया जाता है कि उक्त फर्जी हॉस्पिटल बाजिदपुर बाजार स्थित राजकिशोर चौधरी के मकान में वर्षों से संचालित है। जहां भोले भाले अनपढ़ गरीब मरीजों के ईलाज के नाम पर बिना किसी चिकित्सीय सुविधा व परीक्षण के ही झोला छाप फर्जी चिकित्सकों द्वारा ईलाज के नाम पर कमीशन एजेंटों के जरिए मरीज को सब्जबाग दिखाकर जान से खिलवाड़ किया जाता रहा है। उधर घटना के बाद सकते में आए अस्पताल प्रबंधन ने मुखिया मुकेश कुमार की उपस्थिति में सामाजिक समझौते कर मृतक के परिजनों को एक लाख 51 हजार रूपए की रकम देकर एक स्टांप पेपर पर मौत की अनापत्ति लिखा मामले को रफा दफा कर मुआवजे का मसौदा तय किया।
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