समस्तीपुर :- समस्तीपुर सदर अस्पताल स्थित पीएसए ऑक्सीजन प्लांट डीजी जनरेटर सेट लगने के बाद भी अब तक चालू नहीं हो पाया है। जबकि डीजे जनरेटर सेट इंस्टॉल हुए लगभग डेढ़ महीने बीत चुके हैं। बता दें कि सदर अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था को लेकर डेढ़ महीने पहले पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के लिए 250केवीए का डीजी जनरेटर सेट लगाया गया। ताकि पिछले कई महीनों से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को शुरू किया जा सके। लेकिन डीजी जनरेटर सेट लगने के बावजूद भी अब तक ऑक्सीजन प्लांट शुरू नहीं हो पाया है।
प्लांट के टेक्नीशियन ऑपरेटर रोहित कुमार के अनुसार बताया गया कि डीजी जनरेटर सेट इंस्टॉलेशन के बाद प्लांट का कंप्रेसर मशीन लोड नहीं ले पा रहा है। वहीं उन्होंने बताया कि इसके लिए विशेषज्ञों को जांच के लिए लिखा गया है। विशेषज्ञ जांच में डीजी जनरेटर की क्षमता कम पाए जाने के बाद संभवत इसे ज्यादा केवी के डीजी जनरेटर सेट की आवश्यकता पड़ेगी।
वहीं बताया गया कि प्योरिटी मशीन का सेंसर ठीक से वर्क नहीं कर पा रहा है। सेंसर के ठीक होने अथवा उसके चेंज होने के बाद ही ऑक्सीजन की प्योरिटी ठीक हो पाएगी। उन्होंने बताया कि अगर सेंसर चेंज के बाद भी प्योरिटी ठीक नहीं होता है तो ऑक्सीजन जेनरेशन मशीन के चार टैंकों में मॉलेक्युलर सीव डालना होगा। इसमें टैक्स सहित 23 लाख 60 हजार रुपए का खर्चा आएगा। इस कारण अभी भी ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने में संशय दिखाई दे रहा है।
सदर अस्पताल के पदाधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि ऑक्सीजन प्लांट हाथी पालने के बराबर है। क्योंकि इसमें जरूर से ज्यादा खर्च आ रहा है और इसके शुरू होने के बाद इसके संचालन में अत्यधिक खर्च होने का अनुमान है। बताया गया कि डीजी जेनरेटर सेट के चलाने के लिए ईंधन किस मद से मुहैया होगा यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं है। बता दें कि कंप्रेसर मशीन के लोड नहीं लेने पर इंजीनियरों की एक टीम के द्वारा प्लांट का निरीक्षण किया गया है। बताया गया कि इंजीनियरों के टीम में समस्या से अपने वरीय पदाधिकारी को अवगत कराएंगे उसके बाद विशेषज्ञ टीम के द्वारा इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं प्लांट के चेंज ओवर स्विच को ठीक करवाया गया है। हालांकि विभागीय पेंच के कारण अब तक उसका पेमेंट नहीं हो पाया है।
बता दें कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की किल्ल्त को देखते हुए पीएम केयर्स फंड के माध्यम से सदर अस्पताल में 80 लाख की लागत से 2021 में ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कराया गया था। इस वर्ष अप्रैल महीने में इलेक्ट्रिक पैनल जलने के बाद से ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़ा हुआ है। उस समय इलेक्ट्रिक पैनल के ठीक होने में 45 हजार खर्च का अनुमान बताया गया था। ऑक्सीजन प्लांट के खराब होकर बंद पड़े होने के कारण सदर अस्पताल प्रबंधन जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया कराने को लेकर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर पर निर्भर है। वहीं बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद पर कई हजार रुपए अब तक सदर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा खर्च किया जा चुका है।
ऑक्सीजन प्लांट के लिए लगाया गया डीजी जनरेटर सेट प्लांट का लोड उठा पाने में अक्षम साबित हुआ है। अब उससे ज्यादा पावर का डीजी जनरेटर सेट लगाने के लिए पत्राचार किया गया है।
— डॉ. गिरीश कुमार, डीएस, सदर अस्पताल, समस्तीपुर
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