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BPSC शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले के जिस सरगना विजेंद्र को ढूंढ रही है EOU, उसने Samastipur Town के सामने किये कई खुलासा

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समस्तीपुर : 15 मार्च को हुए बीपीएससी TRE-3 शिक्षक बहाली के प्रश्न पत्र लीक मामला उजागर होने के बाद ईओयू ने 48 पन्ने का एफआईआर दर्ज कर जांच तेज कर दी है। बीपीएससी शिक्षक बहाली प्रश्न पत्र लिक मामले के सरगना विजेंद्र गुप्ता को ईओयू तलाश कर रही है। दानापुर मामले के साथ-साथ ईओयू की टीम उसे ढूंढने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। इस मामले में अब तक ईओयू की टीम दर्जनों लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पेपर लिक मामले का सरगना ग्रामीण कार्य विभाग में कार्यरत निलंबित अकाउंटेंट विशाल चौरसिया और उसके सहयोगी विक्की और सुमंत को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। विशाल चौरसिया ने ईओयू को बताया कि इसके लिए उसने समस्तीपुर के विद्यापति नगर थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव के रहने वाले बिजेंद्र गुप्ता से संपर्क साधा था।

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बिजेंद्र गुप्ता अपने दो साले राजमोहन और एक अन्य को कोलकाता भेज कर पेन ड्राइव से प्रश्न पत्र मंगवाया था। इसी बीच शिक्षा माफिया विजेंद्र गुप्ता ने Samastipur Town मीडिया के सामने आकर पेपर लीक मामले में कई अहम खुलासा किया। बिजेंद्र गुप्ता ने बताया कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले से उसका कोई लेना देना नही है। इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार आरोपी विशाल चौरसिया से उसकी चार-पांच वर्ष पूर्व की पहचान है।

उड़ीसा एसएससी पेपर लीक मामले में उसके साथ जेल भी जा चुका है। बिजेंद्र ने कहा कि जांच एजेंसी इस मामले के मेकैनिज्म को समझ नहीं पा रही है। विशाल चौरसिया कोलकाता के एक प्रिंटिंग प्रेस जानकी इमेज प्राइवेट लिमिटेड के स्टाफ वीरेंद्र पासवान जिसे लोग वीरेंद्र सिंह के नाम से भी जानते हैं और पार्थोसेन गुप्ता जो प्रिंटिंग प्रेस में पावर सप्लाई का काम करता था। बाइंडिंग और क्वेश्चन पैकेजिंग का काम करता था। इन दोनों ने मिलकर ही बीपीएससी शिक्षक परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक किया है। उड़ीसा जेल में रहते हुए इन लोगो ने केंद्रीय चयन पर्षद बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा का भी पेपर लीक किया था।

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इस मामले में उत्तर प्रदेश जौनपुर के सराय सितम जलालपुर के अजीत चौहान और अजय चौहान भी शामिल है। अजय चौहान से स्टूडेंट लाइफ से ही उसकी पहचान थी। हालांकि प्रोफेशनली धंधे को लेकर उसका इससे कोई संबंध नहीं था। बिजेंद्र ने कहा कि समस्तीपुर के खानपुर के चक्का गांव का रहने वाला उसका साला राजमोहन उसकी जानकारी के बिना अजय चौहान, अजीत चौहान, पार्थो सेन से मिलकर उड़ीसा एसएससी का पेपर लीक किया था।

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इस परीक्षा के प्रश्न पत्र भी कौशिक की कंपनी ब्लेसिंग में ही छपी थी। बीपीएससी के TRE 3 परीक्षा का प्रश्न भी कोलकाता के गंगानगर स्थित ब्लेसिंग में ही छपी थी। बिजेंद्र ने खुलासा किया कि वह समझ नहीं पा रहा है कि सीएसबीसी पेपर लीक होने की जानकारी बीपीएससी को होने के बावजूद भी आखिर ब्लेसिंग को ही टेंडर कैसे दिया गया, यह उसके समझ से पड़े हैं।

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बिजेंद्र ने कहा कि ईओयू की जांच सही दिशा में चल रही है। अगर इस मामले में विशाल चौरसिया, वीरेंद्र सिंह और पार्थो सेन से गहनता से पूछताछ की जाए तो पूरे प्रकरण का खुलासा हो जाएगा। वही बीएससी परीक्षा प्रश्न पत्र उसके द्वारा पेन ड्राइव में कोलकाता से मांगवाये जाने के सवाल पर कहा कि पेपर बीपीएससी के द्वारा प्रिंटिंग प्रेस में भेजने के बाद प्रिंटिंग प्रेस के रीडिंग सेक्शन के स्टाफ के द्वारा ही लीक किया गया हैं। जो पेपर लीक हुए हैं वह बार कोडिंग के पहले के हैं। बिजेंद्र का कहना है कि ब्लेसिंग कंपनी का मालिक कौशिक यूपी के लोक सेवा आयोग के मंडी इंस्पेक्टर एग्जाम में प्रश्न पत्र के साथ 3 साल पूर्व गिरफ्तार हुआ था। इस मामले में उसका पार्टनर अजीत चौहान भी जेल गया था। जेल में रहते हुए उन लोगों ने इसकी प्लानिंग की थी, और इसके लिए उसे भी ऑफर किया था।

विजेंद्र बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक मामले में बीपीएससी के अधिकारी और सफेदपोश के शामिल होने के सवाल पर स्पष्ट रूप से बोलने से बचत नजर आए। वही विजेंद्र ने पेपर लीक मामले के एक अन्य सरगना अंशु सिंह को लेकर कहा कि कोरोना काल में उन दोनों की पहचान हुई थी। उस वक्त वह परेशान चल रहा था। उसे दौरान अंशु सिंह ने उसकी मदद भी की थी। अंशु सिंह आनलाईन सीटेट की परीक्षा में भी प्रति छात्र 1 से डेढ़ लाख रुपये में लगभग 3000 बच्चों का काम किया है। यह लोग खुद का आनलाईन परीक्षा केंद्र भी चलाते हैं। उसका कहना है की TRE 2 में भी गड़बड़ी हुई है। आज के समय अंशु सिंह हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति का मालिक है।

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Samastipur Town मीडिया को बिजेंद्र ने बताया कि बीपीएससी पेपर लीक मामले में विशाल चौरसिया, पार्थो सेन के साथ-साथ विशाल का भाई निशांत गौरव जो समस्तीपुर रेल मंडल के सहरसा में जेई के पद पर कार्यरत है। वह भी इस फर्जीबाड़े में शामिल है। बिजेंद्र ने दावा किया कि निशांत की नौकरी भी फर्जी तरीके से हुई है, अगर जांच की जाए तो वह भी फंसेगा।

विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि उसका बीपीएससी पेपर लीक मामले से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है । विशाल चौरसिया से पहचान की सजा उसे मिल रही है। इसी कारण 2022 में दानापुर मामले में भी उसे घसीटा गया। इसको लेकर उसके घर पर छापेमारी भी हुई, हालांकि वहां से पुलिस को कुछ भी बरामद नहीं हुआ था। वह इस मामले में अभी फरार चल रहा है। बिजेंद्र ने कहा कि दानापुर मामले में वह सरेंडर इसलिए नहीं कर रहा कि उसे डर है की जांच एजेंसी उसे बीपीएससी मामले में घसीटना चाहती है। बिजेंद्र ने खुलासा किया कि TRE 3 के पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द न होने को लेकर भी माफियाओं ने काफी प्रयास किए थे।

बिजेंद्र गुप्ता का कहना है कि इन लोगों ने बीपीएससी एग्रीकल्चर की परीक्षा जो एक और दो मार्च को हुई थी इसका भी पेपर लीक किया था। वह पेपर भी कौशिक की कंपनी ब्लेसिंग में ही प्रिंट हुई थी। बिजेंदर का दावा है कि मेडिकल की परीक्षा नीट के प्रश्न पत्र अगर ब्लेसिंग में प्रिंट हुए होंगे तो उसे प्रश्न पत्र को लीक होने से कोई नहीं रोक सकता। बिजेंदर का कहना है कि इस मामले में उसका साला राजमोहन, जिसके एजुकेशन लोन के लिए जमीन बेचकर उसने 25 लाख रुपये दिया था।

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रुपया वापस मांगने पर उन माफियाओं से मिलकर पूरा कांड किया और उसे फंसाने की कोशिश कर रहा है। बिजेंदर का कहना है कि अगर मैं इस धंधे में शामिल होता है तो मेरे परिवार के लोग भी नौकरी में होते। आज मेरे साथ जो कुछ हो रहा है वह अंशु सिंह के द्वारा ही कराया जा रहा है। हालांकि वह पहले से पेपर लीक मामले से जुड़ा हुआ है इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।

विजेंद्र ने क्या कुछ कहा देखें वीडियो :

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