Samastipur

चाचा पर भारी भतीजा, पारस को चिराग के लिए हाजीपुर छोड़ना पड़ेगा? समस्तीपुर पर भी संशय

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े

बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट पर चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। इस खेल में लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। एनडीए के सीट बंटवारे में केंद्रीय मंत्री एवं रालोजपा प्रमुख पारस को अपनी सीटिंग सीट हाजीपुर गंवानी पड़ सकती है। दूसरी ओर, चिराग पासवान को महागठबंधन से भी बिहार की 8 समेत कुल 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर मिलने की चर्चा उठ गई है। ऐसे में बीजेपी चाचा-भतीजे की लड़ाई को एक निर्णायक मोड़ पर लाने की कोशिश में जुटी है।

बाजार में जो चर्चा है, उसके आधार पर लोजपा के दोनों गुटों को लोकसभा चुनाव में बड़ा झटका लगने जा रहा है। चाचा पशुपति पारस को थोड़ा बड़ा झटका लग सकता है। उन्हें अपनी सीट भी गंवानी पड़ सकती है। यही नहीं, जीती सीटें छोड़नी पड़ सकती हैं। अलबत्ता चाचा-भतीजा के बीच खींचतान के बीच भतीजा चिराग पासवान भारी भी पड़ सकते हैं।

हाजीपुर पर चिराग का दांव भारी, समस्तीपुर पर भी संशय

हाजीपुर सीट को लेकर भतीजा की दावेदारी मजबूत है। इस सीट को हथियाने में वे सफल भी हो सकते हैं। ऐसा तब है जबकि पशुपति कुमार पारस ने दावा किया था कि वे हर हाल में हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे। उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का भी कहना है कि दुनिया की कोई ताकत उन्हें हाजीपुर से दूर नहीं कर सकती है। सीटों की इस दावेदारी में पारस को अगल-बगल खिसकना भी पड़ सकता है।

ऐसे में दूसरे भतीजे की सीट भी फंस सकती है। दूसरा भतीजा समस्तीपुर से सांसद हैं। उधर, लोजपा (रामविलास) अध्यक्ष व पारस के भतीजे चिराग पासवान भी हाजीपुर से ही चुनाव लड़ने पर अड़े हैं। चर्चा के अनुसार उनकी दावेदारी का असर हो सकता है। पर, इतना तय है कि दोनों को मनमाफिक सीटें नहीं मिलनी हैं। किसी एक खेमे को अधिक सीटें गंवानी पड़ सकती हैं।

पार्टी विभाजन के बाद चिराग अकेले रह गए

2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने 6 सीटें जीती थीं। 2021 में पार्टी के विभाजन के बाद चिराग अकेले सांसद रह गए हैं। शेष पारस गुट के साथ हो लिए। अब आगामी लोकसभा चुनाव में इनका खेल बिगड़ता दिख रहा है। पारस गुट को 5 सीटें मिलनी दूर की बात हो गई है। उनके कई सांसदों का भविष्य अधर में है। कई तो अपने लिए नए रास्ते की तलाश में हैं।

बड़ा रहस्य बना हुआ है चाचा-भतीजा का मौन

लोजपा पर दावा करने वाले चिराग को भी 6 सीटें नहीं मिलने वाली हैं। लोजपा की कई जीती सीटें भी फंस गई हैं। कई पर बीजेपी खुद तैयारी कर रही है। इसमें लोजपा की कई परंपरागत सीटें शामिल हैं। ऐसे में दोनों ओर से बीजेपी नेतृत्व से बातचीत की कोशिश की जा रही है। हां, बीजेपी नेतृत्व भतीजे को लेकर थोड़ा सॉफ्ट अवश्य है। पर सबकुछ एक सीमा में ही होगा। चाचा के प्रति सम्मान के कारण उनकी भी बातें सुनी जा सकती हैं। फिलहाल चाचा-भतीजा के मौन से भी बड़ा रहस्य बना हुआ है।

Avinash Roy

Recent Posts

2020 में पीक हो गया, अब नीचे ही जाएंगे; तेजस्वी के अलविदा यात्रा बयान पर संजय झा का पलटवार, बता दी औकात?

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर राजनीति जारी…

11 घंटे ago

इस पद के लिए BPSC को नहीं मिला एक भी योग्य उम्मीदवार, वापस लेनी पड़ी वैकेंसी

बिहार लोकसेवा आयोग की नजर में बिहार में नौकरी और बेरोजगार दोनों है, लेकिन योग्य…

11 घंटे ago

एनडीए में कोई भ्रम नहीं, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी बोले- आगे भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव होगा

NDA गठबंधन बिहार में अगला चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा या नहींं?…

13 घंटे ago

अमित शाह का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, RJD विधायक मुकेश रौशन की फिसली जुबान

RJD के महुआ विधायक मुकेश रौशन की जुबान फिसल गई। RJD MLA मुकेश रौशन शहर…

17 घंटे ago

डबल म’र्डर कांड के दौरान एक मात्र जिंदा बचे प्रॉपर्टी डीलर के मित्र सुधीर मधान को ले गयी पुलिस, पूछताछ जारी

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े   समस्तीपुर :- शनिवार की दोपहर प्रॉपर्टी डीलर व…

17 घंटे ago

समस्तीपुर में प्रोपर्टी डीलिंग के कारोबार में र’क्तरंजित का रहा है इतिहास, ढाई वर्ष पहले भी हुई थी गुड्डू सिंह की ह’त्या

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  समस्तीपुर :- अर्से बाद जमीन कारोबार को लेकर…

18 घंटे ago