समस्तीपुर :- समस्तीपुर में गर्मी के दस्तक देते ही जिले में आग का तांडव शुरू हो गया है। पछिया हवा व मौसम के गर्म होने की वजह से पल भर में ही अग्नि विकराल रूप धारण कर पूरी बस्ती को खाक कर रही है। अग्नि के विकराल रूप को देख लोग उस पर काबू पाने की हिम्मत ऊी नहीं जुटा पा रहे हैं। क्षण भर में ही वर्षों की जमा पूंजी खाक हो जा रही है। इसमें सबसे बड़ी लापरवाही भी लोगों की है। लोगों की लापरवाही की वजह से ही अग्निकांड हो रही है।
कहीं चूल्हे की चिंगारी, तो कहीं अलाव, तो कहीं शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की घटनाएं हो रही हैं। कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें लोगों को यह पता नहीं चल सका कि घर में आग कैसे लगी है। समस्तीपुर जिले में पिछले एक सप्ताह में ही सैकड़ों एकड़ में लगी फसल जलकर नष्ट हो चुकी है। वहीं दो दर्जन से अधिक घर आग की भेंट चढ़ चुके हैं। बुधवार को महिला कॉलेज के स्मार्ट रूम में शार्टसर्किट से आग लग गई। इसमें करीब 6 लाख की संपति जलकर नष्ट हो गई।
अगलगी की घटनाओं में घूर की चिंगारी या फिर चूल्हे की आग से भी घटनाएं होती रहती है। अधिकांश ग्रामीण अपने घर या खेत के पास ही घूर रखते हैं। कभी ऐसा होता है कि राख के साथ चूल्हे की बची आग घूर पर चली जाती है। गर्मी के मौसम में हवा के साथ घूर की चिंगारी से आग लग जाती है। इसी तरह चूल्हे की आग से निकली चिंगारी भी फायर सीजन में शोला बन जाती है। अगर सावधानी बरती जाय तो ऐसी अगलगी की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।
गर्मी के मौसम में अगरबत्ती व पूजा-हवन, दीपक की आग भी अगलगी के घटना का कारण बन जाती है। खेतों में नीम या फिर पीपड़ के पेड़ की पूजा की जाती है। पूजा करने वाले पूजा करने के बाद अगरबत्ती व आग जलाकर चले जाते हैं। हवा के माध्यम से आग या उसकी चिंगारी से खेतों में आग लग जाती है।
बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो बीड़ी व सिगरेट पीकर उसको बिना बुझाये ही खेतों या उसके आस पास फेंक देते हैं जो अगलगी का कारण बन जाता है।
जिला फायर बिग्रेड के अधिकारीयों का बताना है कि अगलगी की घटनाओं को पूरी तरह से रोका तो नहीं जा सकता लेकिन किसान भाई अगर सावधानी बरते तो काफी हद तक ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।
1. जहां बिजली का तार खींचा गया हो उसके पास किसान भाई अपना खलिहान न करें और वहां की पकी फसल की सबसे पहले कटाई करके हटा लें।
2. खेतों में पीपल व नीम के नीचे पूजा करने के बाद उसकी आग को कुछ देर में पानी डालकर बुझा दें। अगरबत्ती जलाते समय अगलगी की घटनाएं न होने पाये इसका अवश्य ध्यान रखें।
3. खेत खलिहान के आस पास आग न जलाएं। बीड़ी या सिगरेट को पूरी तरह से बुझाकर ही फेंके।
4. किसान भाई घर व खेत खलिहान के पास हमेशा रिजर्व पानी रखें जिससे किसी भी समय अगलगी की घटना में इसका प्रयोग किया जा सके।
5. गांव में पंचायत करके किसान भाई आग से बचाव व निबटने के लिए सबको जागरूक करें जिससे किसी भी समय वे इससे निबटने के लिए सतर्क रहे।
6. अगर खेतों की खड़ी फसल में किसी प्रकार अगलगी हो जाती है तो किसी हरे पेड़ की डाल या डण्डे में जूट का बोरा बांधकर उसको पानी में भिगोकर फायर बीटर की तरह प्रयोग करके आग पर काबू पा सकते हैं।
7. अपने-अपने बच्चों को अगलगी की घटना के प्रति सचेत करें उनको ऐसा कोई कार्य करने से मना करें जिससे ऐसी किसी घटना से बचा जा सके।
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