समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

SamastipurNEWS

समस्तीपुर: सरकारी स्कूलों में ‘स्पेशल क्लास’ में पढ़ाई कर रहे बच्चों की परीक्षा 20 मई से, DPO ने कहा- मूल्यांकन पीड़ादायक नहीं बल्कि खुशनुमा और दोस्ताना होना चाहिए

IMG 20231027 WA0021

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े 

समस्तीपुर : समस्तीपुर जिले के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों की पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में ई ग्रेड लाने वाले व फेल बच्चों के लिए पहली अप्रैल से विशेष शिक्षण का कार्य किया जा रहा है। 15 मई तक शिक्षण का कार्य जारी रहेगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से इन विद्यार्थियों की विशेष परीक्षा का शिड्यूल जारी कर दिया गया है। इन बच्चों की परीक्षा 20 से 25 मई तक चलेगी। परीक्षा दो पालियों में होगी।

पहली पाली की परीक्षा सुबह 7 बजे से 9 बजे तक जबकि दूसरी पाली की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक होगी। शिड्यूल के अनुसार 20 मई को पहली पाली में भाषा, हिन्दी उर्दू या बंग्ला, जबकि दूसरी पाली में अंग्रेजी विषय की परीक्षा होगी। 21 मई को पहली पाली में गणित और दूसरी पाली में पर्यावरण व सामाजिक विज्ञान की परीक्षा होगी. 22 मई को पहली पाली में विज्ञान सिर्फ आठवीं कक्षा के लिए, जबकि दूसरी पाली में संस्कृत व अन्य विषय की आठवीं कक्षा की परीक्षा होगी।

IMG 20240325 WA0004

IMG 20230604 105636 460

25 मई को पहली पाली में राष्ट्रभाषा हिन्दी और दूसरी पाली में सह शैक्षणिक गतिविधियों का अवलोकन का कार्यक्रम होगा। परीक्षा को लेकर प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका के निर्माण के लिए जिलास्तर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जायेगा। इसमें सदस्य के रूप में डायट के प्राचार्य, एसएसए के डीपीओ, नामित दो एचएम होंगे।

IMG 20230701 WA0080

प्रश्नपत्र व कापियों का निर्माण आज 2 मई तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है। 18 मई तक संकुल स्तर से स्कूलों को प्रश्नपत्र और कॉपी उपलब्ध कराने की बात कही गई है। विदित हो कि वार्षिक मूल्यांकन में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में ई ग्रेड लाने वाले बच्चों की संख्या 440 है।

डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि मूल्यांकन में ई ग्रेड पाने वाले बच्चों के लिए विशेष कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। मूल्यांकन या आकलन समग्र होना चाहिए। इसमें सीखने-सिखाने से सम्बंधित हर पहलू शामिल होना चाहिए, न कि मात्र सीखने वाले। मूल्यांकन से हमें शिक्षार्थी व शिक्षक की क्षमताएं व कमजोरी दोनों समझने में मदद मिलनी चाहिए और तदनुसार शिक्षण सामग्री व कार्यक्रम के नियोजन में मदद मिलनी चाहिए।

Dr Chandramani Roy Flex page 0001 1 1 scaled

मूल्यांकन ऐसा न हो कि शिक्षार्थी डर जाये। उसे अपने बचाव का पूरा अवसर मिलना चाहिए। मूल्यांकन पीड़ादायक नहीं, खुशनुमा और दोस्ताना प्रक्रिया होनी चाहिए। एकमुश्त सालाना इम्तहान प्रणाली भयावह बन ही जाती है. समय-समय पर विभिन्न सामान्य गतिविधियां, सामूहिक चर्चा, घर पर करने के कार्य आदि मूल्यांकन के आधार बनने चाहिए। मूल्यांकन का मकसद बच्चों को रोकना नहीं होना चाहिए। सतत मूल्यांकन पाठ्यक्रम में निहित फीडबैक का आधार बन सकता है।

IMG 20230728 WA0094 01

बच्चे का मूल्यांकन हमेशा किसी बाहरी कसौटी के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। मूल्यांकन का आधार उसका अपना विगत प्रदर्शन और पूरी कक्षा का प्रदर्शन होना चाहिए। कई बच्चे किसी एक पहलू में कमजोर होते हैं मगर हो सकता है कि वे किसी अन्य पहलू में मजबूत साबित हों। आकलन के लिए चुनी गयी गतिविधि बालक के स्तर, रूचि और गति के अनुरूप होनी चाहिए। मूल्यांकन के लिए चुनी गयी गतिविधि आमतौर पर कक्षा में की जाने वाली गतिविधि अलग मगर उसी स्तर तथा किस्म की होनी चाहिए। बच्चों के मूल्यांकन के लिए जो गतिविधियां चुनी जाए, वे कक्षा में की जाने वाली गतिविधियां से अलग हो तथा उसका स्तर व किस्म कक्षानुसार हो।

IMG 20240303 WA0043

IMG 20240426 WA0004

IMG 20240414 WA0005

IMG 20230818 WA0018 02

20201015 075150