चंपई सोरेन ने नई पार्टी बनाने का किया ऐलान, झारखंड चुनाव से पहले लिया बड़ा फैसला
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने जेएमएम से बगावत करते हुए बुधवार को नई पॉलिटिकल पार्टी बनाने का ऐलान किया है. सोरेन ने साथ ही कहा कि वे दूसरे दलों से गठबंधन का विकल्प खुला रखेंगे. उन्होंने तीन दिन पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर अपमान करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद उनकी बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं.
चंपई सोरेन ने कहा, ‘मैं रिटायर नहीं होऊंगा, नई पार्टी बनाऊंगा, नई पार्टी को मजबूत करूंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिलता है तो उसके साथ आगे बढ़ूंगा. एक सप्ताह में सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा.’ इससे पहले चंपई सोरेन ने रविवार कहा था कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने अत्यधिक अपमान झेला जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए.
चंपई सोरेन ने जेएमएम पर लगाए ये आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में उन्हें बताए बगैर पार्टी नेतृत्व ने अचानक उनके सारी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया. चंपई सोरेन ने कहा, ‘पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा तीन जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है और मुझसे कहा गया कि तब तक आप मुख्यमंत्री के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते.’
‘बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया’
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या लोकतंत्र में इससे अधिक अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे?’ चंपई सोरेन ने दावा किया, कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बैठक के दौरान मुझसे इस्तीफा मांगा गया. मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था.’ उन्होंने लिखा कि भावुक होकर वह आंसुओं को संभालने में लगे थे.
‘पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लेकिन उन्हें (मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लिये बिना उनका हवाला देते हुए) सिर्फ कुर्सी से मतलब था. मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिसके लिए हमने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.’
फरवरी में बनाए गए थे मुख्यमंत्री
चंपई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था. इससे पहले उनके पूर्ववर्ती हेमंत सोरेन ने धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हेमंत सोरेन को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था.
जुलाई में पद से दिया था इस्तीफा
तीन जुलाई को हेमंत सोरेन को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया था. फिर चंपई सोरेन ने राज्यपाल को अपना तयागपत्र सौंप दिया था, जिससे हेमंत सोरेन के पुन: मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ. हेमंत सोरेन ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.