जिला परिषद सदस्यों का बड़ा आरोप; DDC के कारण 6 महीनें से जिले में विकास कार्य ठप! चक्का जाम व तालाबंदी की चेतावनी
यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े
समस्तीपुर :- जिला परिषद के योजनाओं की गति रूकने से नाराज जिला पार्षदों ने डीडीसी सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के विरोध में रोषपूर्ण बेमियादी धरना शुरू किया। इसमें जिला पार्षदों के अलावा जिले के विभिन्न पंचायतों के मुखिया व पंससों के अलावा योजना में काम करने वाले मजदूरों ने भी भाग लिया। जिला परिषद कार्यालय के समीप आयोजित धरना में डीडीसी को विकास विरोधी बताने के साथ विकास कार्य में उदासीन रवैया अपनाने, योजना को स्वीकृति देने के बजाय हठधर्मिता दिखाने का सभी ने आरोप लगाया। इसके साथ ही रवैये में बदलाव नहीं आने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
विदित हो कि पिछले दिनों जिला पार्षदों ने बैठक कर डीडीसी के खिलाफ धरना देने का निर्णय लिया था। धरनास्थल पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी से समय रहते आठ सूत्री मांग की पूर्ति करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मांग पूरा नहीं होने पर पटना में विधानसभा, के समक्ष आंदोलन करने को वे मजबूर हो जाएंगे।
उन्होंने कहा की डीडीसी के कारण लगभग 6 माह से जिले में विकास कार्य ठप है। जिससे मजदूर पलायन करने को विवश हैं। बिहार में समस्तीपुर जिला का 15वीं वित्त आयोग एवं षष्टम वित्त आयोग मद की राशि का व्यय शून्य प्रतिशत है। जबकि जिला परिषद समस्तीपुर में दोनों मदों में तत्काल लगभग 100 करोड़ की राशि उपलब्ध हैं। वक्ताओं ने कहा कि मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने एक सोची समझी साजिश के तहत इस जिले के विकास गति को अवरूद्ध कर रखा है।
जिला परिषद अध्यक्ष के कई बार मौखिक कहने एवं लिखित आवेदन देने के बावजूद मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विकास कार्य को अनदेखा कर रहे हैं। उनके कारण मजदूरों व आपूतिकत्तों का भी भुगतान लंबित है। उन्होंने मांग की पूर्ति नहीं होने पर समस्तीपुर जिले में चक्का जाम करने के अलावा मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय में तालाबंदी करने की भी चेतावनी दी।
यहां देखें DDC और जिप सदस्यों ने क्या कुछ कहा :