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दो हेडमास्टर और एक दलाल की गिरफ्तारी से समस्तीपुर शिक्षा विभाग में मचा है हड़कंप, आखिर अब तक कौन बचा रहा है BEO को ?

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समस्तीपुर/विभूतिपुर :- शिक्षक बहाली फर्जीवाड़ा मामले में दो एचएम और एक दलाल की गिरफ्तारी की खबर आते ही विभूतिपुर प्रखंड शिक्षा जगत में हडकंप मच गया। इसकी चर्चा हर प्रखंडों के साथ-साथ जिले से लेकर राज्य स्तर पर हो रही है। इसके साथ ही शिक्षक नियुक्ति फर्जीवाड़ा गिरोह से संबंधित लोगों को भी अब अपनी-अपनी गिरफ्तारी का डर सताने लगा है। लेकिन इन सभी के बीच अब तक विभूतिपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णदेव महतो पर ना ही कोई कार्रवाई और ना ही पद से हटाने की कवायद की गई है। उल्टा अभी भी सभी अभिलेख व दस्तावेज उन्हीं के जिम्मे है।

शुक्रवार की देर शाम नगर थाना पर पहुंचे शिक्षा विभाग के डीपीओ (स्थापना) कुमार सत्यम, विभूतिपुर बीईओ कृष्णदेव महतो समेत अन्य पदाधिकारी काफी देर तक जमे रहे। जांच टीम के अध्यक्ष व अपर समाहर्ता (आपदा) राजेश कुमार सिंह द्वारा दिये गये आदेश के आलोक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम ने विभूतिपुर बीईओ से आवेदन दिलवा प्राथमिकी दर्ज कराने की कवायद में नगर थाना पर देर शाम तक जमे रहे। इस दौरान विभूतिपुर बीईओ के फोन पर अलग-अलग लोगों का फोन बार-बार आ रहा था।

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इस दौरान वह कुर्सी से उठकर कभी बाहर जाकर फोन पर बात कर रहे थे तो कभी हाजत में बंद हेडमास्टर व दलाल से बातचीत कर रहे थे। उनके फोन पर बिहार सरकार के किसी मंत्री का भी फोन बार-बार आ रहा था जिससे बात करने के लिए वह उठ-उठकर बाहर निकल रहे थे। हालांकि बीईओ पर कब कारवाई होगी यह तो जांच टीम और शिक्षा विभाग के अधिकारी ही बता पाएंगे, क्योंकि इस बड़े फर्जीवाड़े में बीईओ के खिलाफ सीधे-सीधे कई सबूत मिल चुके है।

बीईओ के खिलाफ जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 20 दिन पहले ही लिखकर राज्य को भेज दिया है। लेकिन अब तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। शिक्षक बहाली फर्जीवाड़ा मामले में तत्कालीन डीएम ने उसी समय बीईओ पर प्राथमिकी दर्ज करने का मौखिक आदेश दिया था लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मुख्यालय से आदेश मिलने के बाद गिरफ्तारी की बात खहकर टाल दिया था। 20 दिनों से अधिक बीत जाने के बाद भी मुख्यालय से अब तक आदेश नहीं मिल सका है।

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गौरतलब हो कि प्राथमिक विद्यालय धोबीटोल बोरिया में शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा मामले का सबसे पहले खुलासा हुआ था। यहां की संदिग्ध शिक्षिका रंजना कुमारी पर शिक्षा विभाग के स्थापना डीपीओ के आदेश पर बीईओ कृष्णदेव महतो ने प्राथमिकी प्राथमिकी दर्ज करा चुके हैं। इसके बाद जांच का सिलसिला शुरू होने पर धीरे-धीरे अन्य स्कूलों में भी फर्जी बहाली का मामला सामने पर सभी संदिग्ध शिक्षक विद्यालय से गायब हो गये।

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हालांकि सभी ने पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी जारी रखी। बाद में डीएम के आदेश पर अपर समाहर्ता आपदा की अध्यक्षता में जांच शुरू हुई। जांच के दौरान शुक्रवार को दो एचएम व एक दलाल की गिरफ्तारी हुई। वहीं गिरफ्तार प्राथमिक विद्यालय पुरुषोत्तमपुर के एचएम दिलीप राम के स्कूल में संदिग्ध शिक्षिका निकहत परवीन और तनुजा कुमारी बताई जाती है जिसकी जांच चल रही है। शिक्षकों में चर्चा है कि दोनों एचएम व गिरफ्तार दलाल बीईओ का खासमखास था। जिससे बीईओ हाजम में बंद के दौरान भी बातचीत करते दिखे गये। चर्चा यह भी है कि परवेज ने अपने कई रिश्तेदारो को भी फर्जी तरीके से शिक्षक के पद पर बहाल कराया है। इसमें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की भूमिका सीधे-सीधे सामनें आ रही है।

बीईओ बन रहे अंजान, क्या कुछ कहा देखें :

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