समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

SamastipurNEWS

Samastipur Town पर चली खबर तो असली रौल नंबर वाली शिक्षिका ने किया संपर्क; कहा- “मैनें भी Join किया है स्कूल”

IMG 20231027 WA0021

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े 

समस्तीपुर : Samastipur Town Media पर खबर चलने के बाद परत-दर-परत मामले सामनें आ रहे हैं। जिस शिक्षका को लेकर यह कहा जा रहा था की उसनें स्कूल ज्वाइन नहीं किया है और उसके जगह उसी रौल नंबर और आईडी कोड पर अन्य फर्जी शिक्षिका को ज्वाइन करा दिया है अब उस असली शिक्षिका नें बुधवार की देर शाम Samastipur Town Media से संपर्क किया है। असली रौल नंबर वाली शिक्षिका मीरा कुमारी ने बताया है कि वह भी अलौट हुए मध्य विद्यालय कापन विभूतिपुर में टीआरई-1 में अपना योगदान दिया था।

इसी बीच Samastipur Town Media के माध्यम से उसे जानकारी मिली की उसके रौल नंबर और आईडी नंबर पर अन्य फर्जी उम्मीदवार रंजना कुमारी को प्रा. विद्यालय धोबीटोल में योगदान करवा दिया गया है। इसको लेकर कथित विभाग के द्वारा ज्वाइनिंग लेटर भी जारी किया गया है जो पूरे शिक्षा विभाग को कठघरे में खड़ा कर रहा है। उसने इसकी जांच की मांग की है की आखिर उसके रौल नंबर और आईडी नंबर पर कैसे किसी और को बहाल करवा दिया गया। अगर बहाल करवा भी दिया गया तो वह बायोमेट्रिक जांच में क्यों नहीं पकड़ी गई।

IMG 20240904 WA0165

IMG 20230604 105636 460

फर्जी तरीके से गई एफएलएन ट्रेनिंग में :

जब वह एफएलएन ट्रेनिंग में फर्जी तरीके से डाइट बेगूसराय गई तो उसे फर्जी तरीके से ट्रेनिंग में आने की बात कहकर लौटा दिया गया तो उस समय भी उसके उपर क्यों नहीं कारवाई की गई। फर्जी तरीके से एफएलएन ट्रेनिंग में जानें वाले शिक्षकों की सूची में विभूतिपुर प्रखंड के चार शिक्षक शामिल हैं संभवतः उस सूची में शामिल अन्य शिक्षक भी फर्जी हो सकते हैं। इसके अलावे Samastipur Town Media को कुछ ऐसे शिक्षकों की भी सूची मिल गई है जिन्होंने अलग-अलग विद्यालयों में काफी देर से ज्वाइन किया। जब हमने उन शिक्षकों के रौल नंबर को बीपीएससी के द्वारा जारी रिजल्ट सूची में जांच की तो उनका रौल नंबर रिजल्ट सूची में मिला ही नहीं।

IMG 20240827 WA0067

अब देखने वाली बात होगी की शिक्षा विभाग इस मामले को लेकर क्या कुछ कारवाई करती है। आखिर कौन हैं वह लोग जो शिक्षा भवन पर अपना कब्जा जमाकर कुछ पदाधिकारियों व कर्मियों की मिली-भगत से इतना बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। उन शिक्षा माफियाओं की तलाश कर शिक्षा विभाग उनपर कारवाई करती है या जांच के नाम पर खानापूर्ति करती है यह तो समय ही बताएगा। बड़ा सवाल है कि इतनी पारदर्शिता के बावजूद आखिर कैसे इस प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा किया गया।

IMG 20240904 WA0139

Samastipur Town पर खबर चलने के बाद शिक्षा विभाग में मचा है हड़कंप :

टीआरई-1 शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पूरी होने के लगभग महीनों बाद Samastipur Town Media के माध्यम से मामला उजागर होने के बाद से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। सूत्रों की मानें तो इस फर्जीवाड़े में विभाग के कर्मी के अलावे काउंसलिंग प्रक्रिया में प्रतिनियुक्ति किए गए कई शिक्षक की भूमिका भी संदिग्ध है। बड़ा सवाल है कि इतनी पारदर्शिता के बावजूद आखिर कैसे इस प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा किया गया। जरा इस खेल को भी समझ लीजिए। बीपीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी होने के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक थम्ब लिया गया था। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में शामिल शिक्षा विभाग के कर्मियों के द्वारा चयनित बीपीएससी शिक्षक परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी के ज्वाइंन नही करने पर उनकी रोल नंबर और कैंडिडेट की आईडी पर फर्जी शिक्षक की बहाली कर दी गई।

Dr Chandramani Roy Flex page 0001 1 1 scaled

Picsart 24 09 04 13 22 09 859

दोनों अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड और ज्वाइनिंग लेटर पर जरा गौर कीजिए। दोनों कैंडिडेट के एडमिट कार्ड और ज्वाइनिंग लेटर पर रौल नंबर और कैंडिडेट आईडी नंबर एक ही है। अब कैंडिडेट के सिग्नेचर के स्थान पर नजर डालिये। फर्जी शिक्षक के एडमिट कार्ड पर सिग्नेचर वाली स्पेस चयनित कैंडिडेट से अलग है। फर्जी अभ्यर्थी के फॉर्म के क्यूआर कोड को ब्लर कर दिया गया है जिससे अभ्यर्थी की सही जानकारी नहीं मिल सकती है। अब दोनों फार्म के नीचे डीईओ के हस्ताक्षर पर भी गौर फरमाइये। एक में डीईओ के सील के साथ ब्लू कलर के हस्ताक्षर है जबकि फर्जी में बिना सील के ब्लैक कलर के हस्ताक्षर नजर आ रहे है।

Half Page Paper Design 25x33 cm 05.06.24 page 0001

अगर सही तरीके से जांच की जाए तो पूरे समस्तीपुर जिले भर में दो से तीन दर्जन वैसे फर्जी शिक्षक मिल सकते हैं जिन्होंने बिना परीक्षा पास किये पैसों के बल पर नौकरी ज्वाइन कर ली। सूत्रों के अनुसार एक-एक उम्मीदवार से 10 से 15 लाख रुपये लेकर ज्वाइनिंग करवा दी गई है। उन्हें वेतन का भी भुगतान किया जा रहा है। यहां तक की ज्वाइनिंग के बाद उनका ट्रेनिंग भी करवाया गया। यह पूरी प्रक्रिया सभी कर्मियों व पदाधिकारियों की मिली-भगत से हुई है। सभी ने मिलकर करोड़ों रुपये का खेल-बेल कर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया है।

IMG 20240426 WA0004

वहीं इस पूरे मामले पर शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना कुमार सत्यम इस पूरे मामले पर अभिज्ञता जताते हुए कहा कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है, अब पूरे मामले की जांच की जाएगी। डीपीओ का कहना है कि नवनियुक्त 95 प्रतिशत बीपीएससी शिक्षकों का थम्ब लिया जा चुका है। कुछ शिक्षकों का किसी न किसी कारण से अभी भी बाकी है। ऐसे में अब देखने वाली बात है कि इतनी पारदर्शिता के बाबजूद इस खेल को कैसे और किसके द्वारा अंजाम दिया गया ? अब मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग दोषी अधिकारी और कर्मियों पर कार्रवाई करती है या फिर जांच में ही मामला सुलझ कर रह जाती है।

डीपीओ स्थापना ने क्या कुछ कहा देखें वीडियो :

IMG 20240414 WA0005

IMG 20230818 WA0018 02

20201015 075150