समस्तीपुर/सरायरंजन : जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन के निर्देश पर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सूरज कुमार ने गुरुवार की शाम में सरायरंजन बाजार सहित विभिन्न क्षेत्रों में संचालित करीब एक दर्जन निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कोई भी अस्पताल मानक के अनुरूप चलते नहीं पाया गया। अधिकांश अस्पतालों में मरीज तो भर्ती मिले, लेकिन चिकित्सक एवं नर्स नदारत थे। किसी अस्पताल के संचालक अस्पताल चलाने का अनुज्ञप्ति पत्र नहीं दिखा पाए।
निरीक्षण के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि अक्सर उन्हें शिकायतें मिल रही थी कि आशा के द्वारा सीएचसी में भर्ती को आए मरीजों को बहला फुसला कर निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। संभव है कि इसमें उसका भी स्वार्थ छिपा हो। निजी अस्पतालों में जब मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो पाता ,उसका आर्थिक शोषण होता है या किसी मरीज की मौत हो जाती है तो उसकी सारी जवाबदेही सरकारी अस्पताल के चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों पर थोप दी जाती है,जबकि होता यह है कि गंभीर किस्म के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए समय रहते सदर अस्पताल में भेज दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि आज जिन निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया गया उनमें किसी के पास अनुज्ञप्ति पत्र नहीं था। किसी अस्पताल में डॉक्टर एवं नर्स नहीं थे। ना ही डॉक्टर्स के लिए रोटेशन बना हुआ था। सभी निजी अस्पताल के संचालकों को चेतावनी दी गई है कि वे 24 घंटे के अंदर निजी अस्पताल के संचालन का कागजात उनके पास जमा करें, जिसे अग्रसारित कर सिविल सर्जन के पास भेजा जा सके। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
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