इलाहाबाद हाईकोर्ट को केंद्र सरकार ने सूचित किया है कि लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की कथित तौर पर दोहरी नागरिकता रखने के संबंध में दायर याचिका पर विचार किया जा रहा है। यह मामला 19 दिसंबर को अगली सुनवाई के लिए लिस्टेड है।
यह याचिका भाजपा नेता और वकील विग्नेश शिशिर द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने गांधी की नागरिकता के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग की है। याचिकाकर्ता का दावा है कि उनके पास ऐसी जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि गांधी ब्रिटिश नागरिकता रखते हैं। उन्होंने कुछ ईमेल्स का हवाला दिया है, जिन्हें यूके सरकार से प्राप्त किया गया है, जो एक अन्य व्यक्ति वीएसएस शर्मा द्वारा किए गए एक पूर्व जांच का हिस्सा हैं।
याचिकाकर्ता के आरोप
याचिकाकर्ता का आरोप है कि शर्मा ने 2022 में ब्रिटेन के अधिकारियों से गांधी की नागरिकता पर जानकारी मांगी थी। हालांकि, यूके सरकार ने कुछ विवरणों की पुष्टि की, लेकिन डेटा सुरक्षा कानूनों का हवाला देते हुए पूरी जानकारी देने से मना कर दिया, क्योंकि गांधी से एक आधिकारिक पत्र की मंजूरी प्राप्त नहीं थी।
अदालत ने साफ किया अपना रुख
उप सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे ने 25 नवंबर को अदालत को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने याचिकाकर्ता की याचिका प्राप्त कर ली है और उसे प्रक्रिया में लिया जा रहा है। अदालत ने केंद्र से अगली सुनवाई तक इस पर अपडेट देने को कहा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसका वर्तमान ध्यान केवल इस बात पर है कि क्या केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ता की याचिका पर कार्रवाई की है, न कि किसी व्यापक जांच या आरोपों पर।
यह याचिका पहले जुलाई में वापस ले ली गई थी, जिसमें अदालत ने याचिकाकर्ता को नागरिकता अधिनियम के तहत अन्य कानूनी विकल्पों का पालन करने की अनुमति दी थी। यह वर्तमान याचिका तब दायर की गई, जब याचिकाकर्ता को केंद्रीय गृह मंत्रालय से दो प्रस्तुतियाँ भेजने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला।
याचिकाकर्ता का दावा
याचिकाकर्ता का दावा है कि ईमेल्स और समर्थन सामग्री से यह संकेत मिलता है कि गांधी की ब्रिटिश नागरिकता उन्हें भारतीय नागरिकता से अयोग्य ठहरा सकती है, क्योंकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के तहत कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता और अन्य देश की नागरिकता दोनों एक साथ नहीं रख सकता।
19 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह याचिका विचाराधीन है, वहीं दिल्ली हाई कोर्ट में भी भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा इसी प्रकार की याचिका दायर की गई है। दिल्ली कोर्ट ने यह संकेत दिया है कि वह इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद करेगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी, जब केंद्र सरकार से याचिकाकर्ता द्वारा भेजी गई प्रस्तुतियों पर अपडेट मिलने की उम्मीद है और उसके आरोपों पर सरकार का रुख सामने आएगा।
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