सियासतः हाजीपुर लोकसभा सीट पर पशुपति पारस और चिराग पासवान में छिड़ी ‘जंग’
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हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर चाचा-भतीजे के बीच की लड़ाई दिनाें दिन बढ़ती जा रही है.दोनों इस सीट को लेकर दावे-प्रतिदावे कर रहे हैं. दोनों इस सीट से अपनी भावनात्मक जुड़ाव की बात कह कर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. पिछले दोनों लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि था कि मेरी इच्छा है कि मेरी मां हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े. पलटवार करते हुए उनके चाचा रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि अगर चिराग अपनी मां को हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो वे अपने परिवार से किसी मां-बहन को जमुई लोकसभा सीट से चुनाव लड़वायेंगे.उल्लेखनीय है कि चिराग जमुई से सांसद हैं.
हाजीपुर सीट के विरासत पर दावेदारी
हाजीपुर लोकसभा सीट से स्व राम विलास पासवान, चिराग पासवान के पिता और केंद्रीय मंत्री पारस के बड़े भाई ने आठ बार चुनाव जीता था. यह संसदीय क्षेत्र उनका गढ़ माना गया. 2019 के लोकसभा चुनाव में, उन्होंने अपनी राजनीतिक और चुनावी विरासत को बरकरार रखने के लिए अपने भाई, श्री पारस को सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन अक्तूबर 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी लोक जनशक्ति पार्टी दो धड़ों में विभाजित हो गयी, जिसका नेतृत्व अब उनके बेटे और भाई कर रहे हैं. लोजपा के छह सांसद थे, जिनमें चार पारस की पार्टी रालोजपा के साथ हो गये और चिराग अकेले बच गये.
लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है हाजीपुर की सीट को लेकर दोनों अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री पारस सीटिंग गेटिंग के आधार पर टिकट की मांग एनडीए में कर रहै हैं.पारस कहते भी हैं कि बिहार में वे एनडीए का सबसे भरोसेमंद सहयोगी हैं. ऐसे में मेरी पार्टी की सीटों पर कोई दावेदारी करता है, तो उनके लिए बिहार की चालीस लोकसभा सीटें हैं. उन्होंने कहा कि मैं हाजीपुर लोकसभा सीट से ही चुनाव लडूंगा. मेरे बड़े भाई स्व रामविलास पासवान ने ही मुझे इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा था,लिहाजा मैं ही इस सीट का स्वभाविक दावेदार हूँ.