बिहार विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. इस सत्र के काफी हंगामेदार होने की संभावना है. महागठबंधन की सरकार हटने और एनडीए की नयी सरकार बनने के बाद राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है. सरकार ने भी वर्तमान अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए विधानसभा सचिवालय को संकल्प दिया है. वहीं, विधानसभा सचिवालय ने 12 फरवरी के बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही तय कर दी है. वर्तमान अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के संबोधन से कार्यवाही की शुरुआत होगी. फिर सेन्ट्रल हॉल में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर दोनों सदनों (विधानसभा और विधानपरिषद) के सदस्यों को संबोधित करेंगे.
मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि राज्यपाल के संबोधन के बाद विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाये जाने संबंधी अविश्वास प्रस्ताव (संकल्प) को विचार के लिए सदन में रखा जायेगा. इस पर चर्चा होगी. उस चर्चा को संपादित करने का प्रावधान है. वर्तमान अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पुकारेंगे कि कितने लोग अध्यक्ष को हटाने के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं. इस संबंध नियमावली के अनुसार कम से कम 38 सदस्यों को खड़ा होकर उसका समर्थन करना है. यदि 38 या उससे अधिक अध्यक्ष को हटाने के प्रस्ताव के समर्थन में खड़े हो जायेंगे तो संविधान के अनुसार वो प्रस्ताव वैधानिक रूप से स्वीकृत हो जाता है.
मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया अध्यक्ष से संविधान यह अपेक्षा करता है कि अध्यक्ष यह कहते हुये कि चूंकि हमको हटाने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है, मैं अब यह आसन खाली करता हूं. जब तक हमको हटाने का प्रस्ताव सदन से निष्पादित होने तक संवैधानिक रूप से इस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. वे आसन खाली करेंगे. इसके बाद वर्तमान उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी सदन की अध्यक्षता करेंगे. वे अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव लेंगे और उस पर जिनको जो कहना होगा कहेंगे और मतदान होगा. विजय कुमार चौधरी ने कहा कि स्वाभाविक रूप से संख्या 128 है. इसलिए हमलोगों का प्रस्ताव हर हाल में विधानसभा से पारित होगा, यानी अध्यक्ष अपने पद से हट जायेंगे. फिर उपाध्यक्ष अगला एजेंडा सरकार के विश्वास मत का सदन के समक्ष रखेंगे. फिर दोनों तरफ से मुख्यमंत्री प्रस्ताव पेश करेंगे. इस पर नेता विरोधी दल सहित विभिन्न दलों के नेता इस पर बोलेंगे. फिर सरकार उत्तर देगी और फिर उस पर मतदान होगा.
सदन विचार करेगी, इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में हंगामा होने की संभावना है. इस कार्यवाही के दौरान अपने-अपने सदस्यों को सदन में मौजूद रहने को लेकर सभी पार्टियों ने व्हिप जारी कर दिया है. अध्यक्ष को लेकर जो निर्णय होगा उसके अनुसार फिर नये चुने गये अध्यक्ष के आसन पर बैठते के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में प्रस्ताव रखेंगे कि ‘यह सभा वर्तमान राज्य मंत्रिपरिषद में विश्वास व्यक्त करती है’. फिर सदन के अध्यासी सदस्यों का मनोनयन होगा और कार्यमंत्रणा समिति गठित की जायेगी.
बजट सत्र के पहले दिन राज्य के वित्त सह डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी वर्ष 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे. इस रिपोर्ट में राज्य के सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में हुये विकास का विवरण सामने आयेगा. वर्ष 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण में कुल 14 चैप्टर है. इस सर्वे में राज्य की विकास दर से लेकर प्रति व्यक्ति आय के साथ-साथ कृषि, उद्यम, श्रम-रोजगार-कौशल, इंफ्रास्ट्रक्चर,इ-शासन, ऊर्जा, ग्रामीण विकास, नगर विकास, बैंकिंग, मानव विकास, बाल विकास और पर्यावरण,जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी रहेगी.
विधानमंडल के बजट सत्र से पहले रविवार को करीब सभी दलों के विधानमंडल सदस्यों की बैठक हुई. मंत्री विजय कुमार चौधरी के आवास पर जदयू विधानमंडल सदस्यों की बैठक को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोग आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगे. इसे लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है. इस बैठक के बाद मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि हमलोगों की संख्या बल 128 है. उन्होंने कहा कि जो विधायक अपरिहार्य कारणों से नहीं पहुंच पाये हैं, वे सभी सोमवार सुबह तक पहुंच जायेंगे. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 45 में से जदयू के चार विधायक इस बैठक में शामिल नहीं हुए. इनमें प्रमुखता से बीमा भारती, डॉ संजीव, सुदर्शन और दिलीप राय का नाम शामिल हैं.
रविवार को भाजपा के सभी 78 विधायक बोधगया से बस द्वारा रविवार शाम उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के आवास पर पहुंचे. इसके बाद भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में सोमवार को शुरू होने वाले बजट सत्र को लेकर चर्चा हुई. इसमें भाजपा की तरफ से बताया कि विधानसभा में 128 की संख्या बल के साथ एनडीए पूरी तरह एकजुट है.
वहीं रविवार देर शाम हैदराबाद से कांग्रेस के सभी 16 विधायक पटना पहुंचे. सभी तेजस्वी यादव के आवास पर रुकेंगे. वहीं से उन सभी को सोमवार की सुबह विधानमंडल परिसर ले जाया जायेगा. तेजस्वी यादव के आवास के बाहर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि सबसे पहले एनडीए गठबंधन को 122 सदस्यों की संख्या दिखानी चाहिए. उसके बाद ही विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का दावा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी के दल से कोई कहीं नहीं जा रहा है.
इससे पहले राज्य सभा सांसद मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सत्ता पक्ष एवं संबंधित सभी पक्षों को विधानसभा अध्यक्ष को हटाने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की नजीर पढ़ने की सलाह दी. झा के मुताबिक यह नजीर अरुणाचल और महाराष्ट्र के संदर्भ में आए सुप्रीम कोर्ट के वे फैसले हैं, जिसमें कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए सदन की कुल संख्या में बहुमत (मेजॉरिटी ऑफ द ऑल मेंबर ऑफ द असेंबली ) होना चाहिए. इन फैसलों के मुताबिक बिहार में विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए कम से कम 122 सदस्यों की जरूरत होगी.
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