बिहार में जातीय बंधन तोड़ एक दूजे के हुए इन उम्मीदवारों ने चुनावी संग्राम में ठोकी ताल, समस्तीपुर से शांभवी और जमुई से अर्चना रविदास चर्चा में
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कभी भारतरत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर ने कहा था कि अंतरजातीय विवाह करने वालों को चुनाव के टिकट देने में प्राथमिकता दी जायेगी। तब की बात जिस संदर्भ में भी कही गयी हो, लेकिन आज के समय में कई ऐसे लोग भी है, जो चुनाव लड़ने के लिए ऐसी शादियां कर रहे हैं। इस बार कुछ ऐसे लोग सामने आये हैं, जो जातीय बंधन की डोर तोड़ कर सामाजिक बंधन में बंधने के बाद लोकसभा के चुनावी संग्राम में कूदे हैं।
अंतरजातीय विवाह करने वाले दो प्रत्याशी सुरक्षित सीटों से चुनाव मैदान में हैं, जो काफी चर्चा में है। हालांकि चुनावी समर में उतरे प्रत्याशी जातीय जकड़न से ऊबर नहीं पा रहे हैं। अंतरजातीय खुलापन उनके काम आयेगा या जातीय जकड़न से उसकी धार कुंद हो जायेगी, इसका पता तो चुनाव परिणाम के बाद ही चलेगा। फिलहाल उनका चुनावी मैदान में होना ही बड़ा दिलचस्प है।
शांभवी ने भूमिहार से की शादी, ससुराल पक्ष भी कर रहा चुनाव में मदद :
फिलहाल यह बात किसी भी छिपी नहीं है कि हिंदी बेल्ट के दूसरे राज्यों की तरह बिहार में चुनावी दांव जातीय आधार पर ही खेले जाते हैं। ऐसे में समस्तीपुर सुरक्षित सीट से लोजपा (रामविलास ) प्रत्याशी के रूप में उतरी शांभवी चौधरी राज्य सरकार के कद्दावर मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं। शांभवी पासी जाति से आती हैं, जबकि उनकी शादी भूमिहार समाज में हुई है। मायके के साथ ससुराल पक्ष के लोग भी उनके प्रचार में उतरे हैं। शांभवी अति शिक्षित हैं। हालांकि, चुनावी संग्राम में इस सीट का परिणाम सामाजिक नजरिये से बेहद अहम है।
अर्चना रविदास ने जातीय बंधन को तोड़ यादव जाति में की शादी :
अर्चना रविदास जमुई सुरक्षित सीट से लोकसभा की राजद प्रत्याशी हैं। वे खुद रविदास जाति से हैं। शादी उन्होंने पिछड़ा वर्ग के ‘यादव’ जाति से की है। लोकसभा क्षेत्र में इस जातीय समीकरण को साधने के लिए उन्होंने पूरी मशक्कत के साथ काम किया है। देखना होगा कि जातीय खेमों में बंटा समाज अर्चना रविदास को कितनी ताकत देता है।
ऐसे सियासी नेताओं की खूब चमकी है किस्मत
तेजस्वी, सिद्धीकी, रामविसास पासवान, पप्पू यादव, श्याम रजक और मीरा कुमार जैसी सियासी सख्शियतों ने भी की अंतरजातीय शादियां की हैं। सियासत के जानकारों के मुताबिक बिहार में अंतरजातीय और अंतर धार्मिक विवाह करने वाले नेताओं की एक लंबी फेहरिश्त है, जिनका सियासी सफर बेहद मजबूती से जारी भी है। उदाहरण के लिए पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक इसाई लड़की से शादी की है। राजद के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव नेता अब्दुल बारी सिद्धीकी और राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कायस्थ से शादी की है। ये दोनों ही कई बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं।
इसी तरह लाेकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार और हुकुमदेव यादव ने भी अंतरजातीय शादी की है। दलित राजनीति का पर्याय रहे दिवंगत राम विलास पासवान ने भी अंतरजातीय शादी की थी। हाल ही में भाकपा माले की शशि यादव एमएलसी चुनी गयी हैं, लेेकिन उन्होंने ब्राम्हण नेता से शादी की। उनके पति भी वामपंथी विचार के हैं। इसी तरह राजद की वरिष्ठ महिला नेता उर्मिला ठाकुर खुद नाई हैं और पति यादव हैं। वे एमएलसी चुनी गयी हैं।