क्या लोजपा के दोनों गुट एक होंगे? चाचा पशुपति पारस को साथ लाने पर क्या बोले चिराग पासवान
यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े
लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए के सीट बंटवारे में चाचा पशुपति पारस को भतीजे चिराग पासवान ने पटखनी दी। बीजेपी ने पारस के गुट वाली रालोजपा को दरकिनार कर पांच सीटें चिराग की लोजपा रामविलास को दे दीं। इससे पारस आहत हुए और केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, मगर बाद में वे मान गए और एनडीए छोड़ने से इनकार कर दिया। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि चाचा और भतीजा में दूरियां घट सकती हैं और लोजपा के दोनों धड़े एक हो सकते हैं। हालांकि, जब इस बारे में चिराग पासवान से सवाल किए गए तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
हिन्दुस्तान को दिए इंटरव्यू में लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान ने कहा कि सीट बंटवारे को वह हार और जीत से नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा कि कोशिश तो चिराग पासवान को खत्म करने की थी। मेरे पिता (रामविलास पासवान) की बनाई पार्टी का सिंबल तक ले लिया गया। जब अपने ही ऐसा काम करेंगे, तो किसी दूसरे को क्या दोष देना? चाचा और भाई ने जो कुछ किया और कहा, उसके बाद कुछ नहीं रह जाता है। इससे परिवार में सब आहत हैं। लोजपा के दोनों गुटों के विलय पर चिराग ने कहा कि भविष्य में क्या होगा, यह अभी नहीं कह सकते हैं।
अपने पिता की विरासत वाली हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने पर चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें जिम्मेदारी का एहसास हो रहा है। चिराग ने कहा कि यहां के लोग मुझे नेता नहीं बल्कि बेटा और भाई की तरह देखते हैं। पिता रामविलास पासवान ने हाजीपुर में विकास कार्यों की बड़ी लकीर खींची है। मैं उससे भी बड़ी लकीर खींचने की कोशिश करूंगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से रिश्तों पर भी चिराग पासवान ने खुलकर बात की। जब उनसे पूछा गया कि विधानसभा चुनाव में उन्होंने नीतीश को निशाने पर रखा, अब साथ हैं। इस पर चिराग ने कहा कि सीएम नीतीश ने बहुत परिपक्वता के साथ सारी चीजों को संभाला है। हमारे बीच बेहतर समन्वय है। नीतीश पूरी ईमानदारी से संबंध निभाते हैं। देशहित में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है, पूरा फोकस इसी पर है।