पुलिस अब केस डायरी में कहानी नहीं लिखेगी, वीडियो और फोटोग्राफी कर सबूत जुटाएगी
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़े
समस्तीपुर :- गंभीर अपराध में पुलिस अब केस डायरी में सिर्फ कहानी ही नहीं लिखेगी। पुलिस को हर गंभीर अपराध के सबूत को संभालकर रखना होगा। पुलिस अब हत्या, रेप सहित अन्य गंभीर अपराध में घटना स्थल का वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करेगी। इसके बाद इसे संभाल कर रखना भी होगा। इस वीडियो को केस से संबंधित सभी पदाधिकारी देख सकते हैं।
वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी ऑफ द सीन ऑफ क्राइम के प्लान ऑफ एक्शन के प्रथम चरण की शुरुआत के तहत जिले के आठ पुलिस पदाधिकारी को प्रथम चरण में ट्रेनिंग के लिए पटना भेजा गया है। बाद में और भी पुलिस पदाधिकारी को भेजा जाएगा।
ट्रेनिंग पर भेजे गए पुलिस पदाधिकारी में इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय, ब्रजेश कुमार समेत आठ पुलिस कर्मी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गंभीर अपराध में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी बनाने से केस में पारदर्शिता आएगी। केस से जुड़े सभी लोग उस वीडियो को देख सकते हैं। पीडि़त पक्ष पुलिस पर अब साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ का आरोप नहीं लगा पाएंगे।
घटनास्थल पर पुलिस भड़ेगी डिजिटल इमेजिंग रिकॉर्ड शीट फाॅर्म :
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तो प्रारंभिक तौर पर ट्रेनिंग दी जा रही है। भविष्य में एक लाइब्रेरी भी तैयार होगी। उसमें पुलिस गंभीर अपराधों की श्रेणी बनाकर वीडियो रखेगी। पुलिस जब भी गंभीर अपराध की जांच में उलझेगी तो पुराना वीडियो भी देख सकती है। इससे पुलिस को काफी मदद मिलेगी। इससे केस की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को काफी मदद मिलेगी।
गंभीर अपराध में जो भी पुलिसकर्मी घटना स्थल पर जाएंगे वो लोग वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी बनाने के बाद डिजिटल इमेजिंग रिकॉर्ड शीट फार्म भरेंगे। केस डायरी के साथ स्वत: सत्यापित कर संबंधित दस्तावेज को संभालकर रखेंगे। जब कभी भी अगर उसकी जरूरत पड़ेगी तो उस दस्तावेज को पेश करना होगा।
बाइट :
प्रथम चरण में जिले के दो इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिस पदाधिकारी को हाईटेक करने के लिए ट्रेनिंग पर भेजा गया है। पुलिस पदाधिकारी तीन दिनों की ट्रेनिंग लेंगे। दूसरे चरण में और पुलिस पदाधिकारी को भेजा जाएगा।
-हृदयकांत, एसपी