समस्तीपुर :- बिहार के सरकारी अस्पतालों में मिशन-60 के तहत बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने का दावा किया गया था। बावजूद इसके समस्तीपुर सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। चिकित्सकों की लेट-लतीफी आम सी बात हो गई है। दूर-दराज से गरीब और लाचार मरीज बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुँचते है। लेकिन यहाँ ओपीडी में डॉक्टर नदारत रहते है। समय से डॉक्टरों के नहीं आने के कारण मरीजो को घंटो इंतज़ार करना पड़ता है।
सबसे बड़ी बात है कि सदर अस्पताल में 65 चिकित्सकों के पद सृजित है उसके अनुपात में मात्र 32 डॉक्टर उपलब्ध है। इनमें से 9 चिकित्सक में से 4 विशेषज्ञ चिकित्सक ने रिजाइन कर दिया, वहीं बाकी के 5 डॉक्टर स्टडी लिव पर है। सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लेट लतीफी और मनमानी के सवाल पर सिविल सर्जन का कहना है कि इस अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सारी सुविधाएं मिल रही है।
कभी कभार कुछ कारणों से डॉक्टर समय पर उपलब्ध नही हो पाते है। ऐसे में मरीजों की परेशानी कम करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। सीएस का कहना है कि सदर अस्पताल में चिकित्सक की कमी है। जिस कारण समस्या उत्पन्न हो जाती है। हालांकि इसको लेकर विभागीय स्तर पर पहल की जा रही है।
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