समस्तीपुर इस मामले में देश में सबसे अव्वल, केंद्र सरकार की पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने जारी की रैकिंग
केंद्र सरकार की पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जल जीवन सर्वेक्षण 2023 के तहत जनवरी के लिए जारी राष्ट्रव्यापी रैंकिंग में समस्तीपुर जिले को देशभर में पहला स्थान मिला है. दूसरे नंबर पर शेखपुरा, तीसरे पर सुपौल और चौथे पायदान पर बांका जिला है. समस्तीपुर की इस सफलता पर मंत्रालय द्वारा जिले के डीएम को बधाई पत्र भेजा गया है. जिला स्तर पर यह कार्य मुख्य रूप से पीएचइडी एवं पंचायत राज विभाग के संयुक्त सहयोग से किया जा रहा है. वहीं, चार अन्य जिलों की रैंकिंग को केंद्र सरकार ने वन टू टेन में रखा है. जहां हर घर नल का जल योजना का काम सबसे तेजी से हो रहा है.
◾बिहार का समस्तीपुर इस मामले में देश में सबसे अव्वल.
◾केंद्र सरकार की पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जल जीवन सर्वेक्षण 2023 के तहत जनवरी के लिए जारी राष्ट्रव्यापी रैंकिंग में समस्तीपुर जिले को देशभर में पहला स्थान मिला है. दूसरे नंबर पर शेखपुरा जिला है. pic.twitter.com/hEVkN7sGFt
— Samastipur Town (@samastipurtown) April 5, 2023
बिहार की तर्ज पर केंद्र सरकार ने शुरू किया स्वच्छता सर्वेक्षण
राज्य में स्वच्छता सर्वेक्षण की तर्ज पर केंद्र ने भी हर माह जलापूर्ति सर्वेक्षण शुरू किया है. इसमें पानी की शुद्धता को लेकर लाभुकों से फीडबैक लिया जा रहा है. इसके जरिये केंद्र सरकार देश के सभी गांव में पेयजल की स्थिति का आकलन कर रही है और केंद्र सरकार द्वारा जिला व राज्य की रैंकिंग मासिक और वार्षिक रूप से जारी होती है. जिसकी शुरुआत में बिहार के पांच जिले सबसे ऊपर हैं.
इस आधार पर सर्वेक्षण
सर्वेक्षण मुख्यत: चार बिंदुओं पर की गयी. इसमें ग्रामीण परिवारों के घरों में नल का जल की उपलब्धता, नल से मिलने वाले जल की मात्रा, जल की गुणवत्ता, जलापूर्ति की निरंतरता और पेयजल से संबंधित शिकायतों के मानकों पर ही संपादित किया गया. यही प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.
बेहतर काम करने वाले राज्य, दूसरे राज्यों को काम बढ़ाने में करेंगे मदद
केंद्र सरकार के डैसबोर्ड पर सभी राज्यों के डेटा को देखा जायेगा. वहीं, बिहार में नल का जल किस तरह से काम कर रहा है, इसको लेकर दूसरे राज्यों को जानकारी दी जायेगी कि बिहार में किस तरह से जलापूर्ति योजना में काम किया है. यहां किये गये कार्यों को दूसरे उन राज्य में मॉडल रूप में प्रयोग किया जायेगा. जहां अभी तक कम से कम काम हुए है. इसको लेकर सर्वेक्षण शुरू होने से पूर्व सभी राज्यों की मीटिंग में निर्णय लिया गया था.