शरीर हड्डी, मांस और रक्त का पिंड है हमें कभी भी अपनी सुंदरता या गुणवत्ता पर अहंकार नहीं करना चाहिए
समस्तीपुर/दलसिंहसराय :- शहर के स्टेशन रोड लोकनाथपुर स्थित श्री श्री 108 मुरली मनोहर ठाकुरवारी में सात दिवसीय भव्य श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के प्रथम दिन अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य, युवा कथावाचक माध्वाचार्य जी महाराज ने भक्ति ज्ञान वैराग्य की कष्ट निवृत्ति और आत्मदेव और गोकर्ण धुंधकारी संवाद पर कथा वाचन किया।
इस दौरान माध्वाचार्य जी महाराज ने कहा यह शरीर हड्डी, मांस और रक्त का पिंड है। हमें कभी भी अपनी सुंदरता या गुणवत्ता पर अहंकार नहीं करना चाहिए। हमें जो भी मिला है यह पूर्वजन्म का किया हुआ कर्म है। हमें इस संसार सागर में भगवान इतने सुंदर भारतवर्ष में जन्म दिए हैं। यह मौका है हम सबको की अपने घर परिवार में रहते हुए भगवान का कीर्तन भजन करते हुए आपसी प्रेम बनाए रखने की। इसी से हम सबों के साथ मानव समाज का कल्याण है।
हम अपने घर परिवार में साथ में रहते हुए भी भगवान से अपने आपको कैसे जोड़े रखें ! यह मनुष्य जीवन क्यों मिला है। हमारा लक्ष्य क्या है ऐसे तमाम प्रश्नों पर विशेष रूप से चर्चा करते हुए श्रोताओं मार्गदर्शन किए। उन्होंने ने आगे कहा भगवत कथा सुनने मात्र से भी लोगो का कल्याण होता है।
अगर लोग कथा स्थल तक नही पहुंच पाते है वह घर बैठे यूट्यूब पर श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कर सकते हैं। आप यूट्यूब माधवाचार्य जी महाराज वृंदावन लाइव कथा सुन सकते है। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ को लेकर कार्यकर्ता नंदकिशोर चौधरी, हरे कृष्ण राय, कुंदन कुमार झा (शिक्षक), नवीन झा (शिक्षक), सीता राम झा सहित सैंकड़ों की संख्या में महिला पुरुष मौजूद थे।