समस्तीपुर :- एसपी विनय तिवारी ने समस्तीपुर जिले को लेकर एक पोस्ट अपने सोशल मीडिया हैंडल पर किया है, जिसकी हर ओर तारीफ हो रही है। उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से पूरे समस्तीपुर जिले की तस्वीर को पिरोया है, जो सोशल मीडिया काफी वायरल हुआ है। उक्त पोस्ट पर हजारों लोगों ने कमेंट कर अपनी-अपनी राय बताई और उनके लेखनी की तारीफ की है।
जीवन का सबसे ऊर्जावान समय समस्तीपुर में विलय हो रहा है। समस्तीपुर जिला, यहां के लोग, यहां की जलवायु, यहां की मिट्टी , यहां के हर एक तत्व से मधुर संबंध बन गया है।
अतीत में व्यतीत अल्प अवधि में ही समस्तीपुर की भूमि, यहां के लोग, यहां की संस्कृति को थोड़ा बहुत समझ पाया है और थोड़ा बहुत सीखने का प्रयास भी किया है। जो भी समझ आया है उससे यह तो स्पष्ट है कि समस्तीपुर अनंत ऊर्जा से संरक्षित प्रबुद्ध धरती है। यहां की योग्यता और क्षमता सीमारहित है। हर वर्ष IIT, UPSC, NEET जैसी परीक्षाओं में अपना लोहा मनवाते छात्र समस्तीपुर की योग्यता के परिचायक हैं तो यहां के कृषि उद्यमी नित प्रतिदिन यहां की उपजाऊ मृदा से कृषि चमत्कार कर रहें हैं।
कोई सुधांशु IIT से पढ़कर कृषि उद्यम में तकनीक और यांत्रिकीकरण का समावेश करते हुए कृषि का अपना अलग पारिस्थिकी तंत्र विकसित कर रहा है तो कोई अमरदीप किसी बहुदेशीय कंपनी की नौकरी त्याग कर अपने गांव में अगरबत्ती की फैक्ट्री खोल रहा है तो किसी गांव में कोई अमरजीत जयकर संगीत की अद्भुत साधना कर रहा है तो कहीं कोई समाजवाद का विशाल नायक तैयार हो रहा है, कोई प्रबुद्ध नागरिक-G9 केले की खेती कर रहा है तो कोई ड्रैगन फल उगा रहा है।
समस्तीपुर के युवा अपनी ऊर्जा को दिशा स्थिर करते हुए अपनी रचनात्मकता को सकारात्मक कार्यों में लगा रहे हैं। यहां एक से बढ़कर एक लेखक, गायक, साहित्य विदुषी, रचनाकार , कलाकार परिपक्व होकर बैठे हैं। हर वर्ष देश की बड़ी परीक्षाओं में यहां के विद्यार्थियों का परचम लहरा रहा है। पूरी दुनिया समस्तीपुर की लीची की मिठास के लिया पूरे आषाढ़ माह व्याकुल रहती है। अनगिनत असंख्य प्रकार के आम समस्तीपुर को फलों के उत्पादन में विशेष पंक्ति में खड़ा कर रहें हैं। रोसडा और विभूतिपुर की वैचारिक विविधता, पूसा में बूढ़ी गंडक के किनारे बहता कृषि विज्ञान, दलसिंहसराय के मसाले, समस्तीपुर नगर का मारवाड़ी बाजार, मोरवा का खुदनेश्वर धाम, पटोरी का केवल धाम अपने गौरवशाली इतिहास में संरक्षित मूल्यों का ध्यान करा रहा है।
युवाओं की असीम ऊर्जा, कृषि का विशाल स्वरूप, उद्यम की क्षमता, शिक्षा से सरोकार , सामाजिक सहिष्णुता, वैचारिक विविधता ये सब समस्तीपुर को नगरों और शहरों की श्रेणी में सबसे अलग कर देते हैं।
यदि समस्तीपुर के इन तमाम पक्षों को देखा जाए तो ऐसा लगता है यह धरती सुप्रसिद्ध होना चाहिए विभिन्न सकारात्मक कार्यों के लिए। समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए अपनी उर्वरक मिट्टी के लिए, अपनी कृषि क्षेत्र में अनंत विकास के लिए, अपनी जलवायु के लिए।
समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए अपनी नदियों के लिए, बलान के लिए, बूढ़ी गंडक के लिए, बाया के लिए, नित नए प्रयोग करते किसानों के लिए। यहां के किसानों में, खेतों में एक अजीब सी दिव्य ऊर्जा का प्रवाह दिखता है। लोग प्रयोग करने के लिए लालायित हैं।।
समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए अपनी जिजीविषा के लिए, अपने युवाओं की ऊर्जा के लिए, अपने बुजुर्गों के आध्यात्मिक झुकाव के लिए, अपने समाज में फैली गहन चिंतनशीलता के लिए, अपने समाज की बौद्धिकता के लिए ना कि अपराधिक घटनाओं के लिए।
समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए लाल लाल लीची के लिए, पके हुए पीले आम के लिए। समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए अपने अनेक कवियों, लेखकों, गीतकारों के लिए ना कि जमीन विवाद में लड़ने झगड़ने के लिए। समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए दलसिंहसराय के मसालों के लिए ना कि सामाजिक वैमनस्यता से बढ़ते फासलों के लिए।
समस्तीपुर धरती है समाजवाद के जन्म की। महाकवि विद्यापति की आत्मा के परमात्मा में मिलने वाले क्षण से उत्पन्न एकात्म के दर्शन की। समस्तीपुर अनेकता में एकता के दर्शन कराता है। सब तरह की विचारधाराएं एक साथ किसी समाज में प्रवाहित हो रहीं हों और साथ साथ रहते हुए शांति और सामंजस्य का बोध करा रहीं हों तो इससे अधिक सुंदर और क्या हो सकता है किसी जनपद के लिए। समस्तीपुर सब कुछ नकारात्मक पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। समाज में फैले क्लेश – द्वेष को त्याग कर हर हाथ दूसरे हाथ को पकड़ने का प्रयास कर रहा है।
समस्तीपुर प्रगति के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ता रहे, यहां के युवाओं को आकाश भर मैदान मिले अपनी उड़ान भरने के लिए, सामाजिक सामंजस्यता में यह जिला पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाए।
समस्तीपुर की पृथ्वी में शांति हो। यहां के जल, थल, गगन में शांति हो। यहां के अंतरिक्ष में, अग्नि में, पवन में, औषधियों में, वनस्पतियों में, बागों में, खेतों में शांति हो। यहां के सभी निवासियों के जीवन में शांति हो।सभी के अपने अपने ईश्वरों में शांति हो। सब में शांति हो। चारों ओर शांति हो। समस्तीपुर के चर- अचर , जड़ -चेतन सभी अस्तित्व में शांति हो। समस्तीपुर के समस्त ब्रह्माण्ड में शांति हो। सर्वदा शांति हो, सर्वथा शांति हो।
सभी जन सुखी रहें, सभी स्वस्थ रहें
सभी का मंगल कल्याण हो, कोई भी दुख का भागी न हो।
सभी लोग प्रेरित हों, सभी लोग उत्सुक हों। सभी लोग सकारात्मक हों, सभी का जीवन उदीयमान होता रहे।
सभी प्राणियों का जीवन अक्षय हो, अनंत हो, अनश्वर हो, शाश्वत हो।
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#शांत_समस्तीपुर
#सुप्रसिद्ध_समस्तीपुर
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