समस्तीपुर :- सोमवार को श्रावण मास के अमावस्या पर महिलाओं ने महादेव को जलार्पण के साथ पीपल पेड़ की पूजा की। इस दौरान विवाहित महिलाओं ने 108 बार धागा लपेट कर बेड़ दिया। पूजा पाठ करते हुए अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत रखा।
शहर के विभिन्न जगहों पर स्थित पीपल पेड़ के नीचे बेड़ देने को लेकर सुबह से ही महिलाओं की भीड़ लगी रही। इस दिन पीपल के पेड़ की विधान पूर्वक पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। बताया गया कि सोमवती अमावस्या व्रत को शास्त्रों में ‘अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत’ की भी संज्ञा दी गई है। ‘अश्वत्थ’ अर्थ पीपल वृक्ष है। पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है।
इसलिए भगवान विष्णु की भी पूजा सोमवती अमावस्या के दिन की जाती है। इस दिन स्नान, दान सब पार्वें में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। ऋषि व्यास के वचनानुसार इस दिन मौन व्रत व स्नान, ध्यान करने से सहस्र गोदान का पुण्य फल प्राप्त होता है। वहीं श्रावण मास की सोमवती अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पेड़ लगाने से पुण्य मिलता है।
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