रेल मंत्रालय के सात प्रस्तावित योजनाओं में समस्तीपुर मंडल को मिला 1269 करोड़
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समस्तीपुर :- रेल मंत्रालय में बुधवार को देश के सात बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत समस्तीपुर रेल मंडल में दोहरीकरण के लिए रेल मंत्रालय ने 1269 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। मंडल कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में एडीआरएम टू आलोक कुमार झा ने बताया कि इसके तहत मंडल के वाल्मीकिनगर स्टेशन से गोरखपुर कैंट रेलखंड के दोहरीकरण की स्वीकृति मिली है। जिसकी अनुमानित लागत 1269 करोड़ है।
इस रेलखंड पर लगभग 7 किलोमीटर पश्चिम चंपारण क्षेत्र में आएगा तथा 89.264 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में आएगा। इस रेल खंड मे गंडक नदी पर एक बड़ा पुल भी है जिसकी लंबाई 854 मीटर है। इस कार्य के पूर्ण होने के उपरांत पूर्वोत्तर राज्यों को उत्तर भारत के राज्यों से कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। साथ ही नेपाल के लोगो को भी फायदा होगा।
इसके तहत नौतनवा, रक्सौल, बीरगंज और जोगबनी की नेपाल कनेक्टिविटी होगी। जबकि इस दोहरीकरण से उत्तर बिहार के जूट और चीनी उद्योग तथा मक्का और उसके उत्पादों को लाभ होगा। यह लाइन नार्थ ईस्ट का अल्टरनेटिव होगा। मौके पर सीनियर डीसीएम सीएस प्रसाद, सीनियर डीपीओ राजीव रंजन, सीनियर डीएफएम राहुल राज व डिप्टी सीई कंस्ट्रक्शन वीके गुप्ता उपस्थित थे।
86 किमी हो गया दोहरीकरण:
एडीआरएम टू आलोक कुमार झा ने कहा कि मुजफ्फरपुर वाल्मीकिनगर (210.3 किलोमीटर) पर दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है। जिसमें 86.15 किलोमीटर दोहरीकरण कार्य पूर्ण हो चूका है तथा 121.85 किलोमीटर पर दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है। मुजफ्फरपुर से गोरखपुर कैंट तक सम्पूर्ण रेलखंड के दोहरीकृत हो जाने पर इस रेलखंड पर गाड़ियों के परिचालन समय में कमी आयगी तथा यात्रियों के कीमती समय की बचत होगी।
दोहरीकरण के बाद बढ़ेगा उधोग का क्षेत्र:
– पूर्वोत्तर कनेक्टिविटी को बड़ा बढ़ावा मिलेगा
– पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए खाद्यान्न, उर्वरक, सीमेंट, कोयला, लौह और पत्थर के चिप्स
– नौतनवा, रक्सौल/बीरगंज और जोगबनी की नेपाल कनेक्टिविटी
– उत्तर बिहार के जूट और चीनी उद्योग तथा मक्का और उसके उत्पादों को लाभ होगा
यात्रियों को मिलेगी यह सुविधा:
– असम, त्रिपुरा, उत्तरी बिहार और पूर्वी यूपी के लिए ट्रेनों और नेपाल से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए चलने के समय में 2 से 3 घंटे की बचत।
– नरकटियागंज और गोरखपुर के बीच सबसे उपेक्षित खंड पर अधिक यात्री ट्रेनें होंगी।