अब खेती के साथ-साथ मछली पालन से किसानों को बनाया जाएगा समृद्ध, दिया जाएगा प्रशिक्षण
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समस्तीपुर :- अब खेती के साथ-साथ मछली पालन से किसान आर्थिक समृद्धि पा सकते हैं। इसके लिए मत्स्य विभाग ने पहल शुरू कर दी है। किसानों को खेती के साथ मछली पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें 70 फीसदी अनुदान पर मत्स्य पालन के लिए संसाधन मुहैया कराया जाएगा। यानि किसान मात्र तीस फीसदी की लागत लगा अपनी आय बेहतर कर सकते हैं।
विभाग ने तालाब मा्स्यियकी विशेष सहायता योजना के तहत तालाब निर्माण, बोरिंग पंप सेट की स्थापना, मत्स्य इनपुट, शेड का निर्माण, यांत्रिक एरेटर आदि संबंधित सहायक इकाइयों के पैकेज पर 10.10 लाख रुपये प्रति एकड़ की लागत निर्धारित की है। इस राशि पर लाभार्थी को लागत का 70 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।
इधर जिला प्रशासन की ओर से मछलीपालन के लिए बैंक से आसान लोन भी उपलब्ध कराने के लिए विभाग को निर्देश दिया गया है। ताकि किसानों को मछली पालन का व्यवसाय करने में कोई आर्थिक परेशानी नहीं आए। जो किसान खेती के साथ ही मछली पालन करके लाभ कमाना चाहते हैं, वे इस योजना तहत आवेदन कर सकते हैं।
तालाब निर्माण के लिए किसानों को जागरुक :
खेतों में तालाब निर्माण को लेकर विभाग की ओर से किसानों को जागरुक करने का भी काम किया जा रहा है। खेत में तालाब का निर्माण करवाने से एक तो मछली पालन में आसानी होगी और दूसरा फसलों की सिंचाई के लिए भी तालाब से पानी मिल सकेगा। ऐसे में खेत में तालाब बनवाने से किसानों को दोहरा लाभ मिल सकता है। इसको लेकर विभाग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है।
बाइट :
किसान खेती के साथ इस व्यवसाय को करते हैं तो निश्चित रूप उनकी आय में इजाफा होगा। खेती के साथ ही मछली पालन व्यवसाय होने से किसानों को कम लागत में मछली पालन संभव हो सकेगा। विभाग की ओर से इसको लेकर अभियान चलाया जा रहा है।
मो. नियाजुद्दीन, जिला मत्स्य पदाधिकारी